मॉस्को पर सोमवार तड़के हुए यूक्रेनी ड्रोन हमले के बाद रूस ने जोरदार पलटवार करते हुए कीव पर हाल के महीनों का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब नाटो सहयोगी देशों की बैठक होने वाली थी, जिसमें यूक्रेन को अतिरिक्त हथियार सहायता पर चर्चा प्रस्तावित थी।
मॉस्को के हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी
यूक्रेनी ड्रोन हमलों से मॉस्को के प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी और रद्द होने की स्थिति बन गई। यात्रियों को घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ा, कई जमीन पर सोने को मजबूर हुए। इन हमलों ने रूस की राजधानी में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी।
रूस का जवाबी हमला: दो मृत, 15 घायल
रूस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन और मिसाइलों से कीव को निशाना बनाया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के मुताबिक, इस हमले में दो लोगों की मौत हुई, जबकि एक बच्चे समेत 15 लोग घायल हुए।
कीव के डार्नित्स्की ज़िले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां एक स्कूल, सुपरमार्केट और गोदामों में आग लग गई। शेवचेनकिव्स्की जिले में एक मेट्रो स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद लोगों को अंदर शरण लेनी पड़ी। स्टेशन में धुआं भर जाने पर वेंटिलेशन की व्यवस्था करनी पड़ी।
फ्रांस के विदेश मंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट, जो राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिलने कीव पहुंचे थे, ने हमले के बाद के हालात का जायजा लिया। दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। इसमें फ्रांसीसी कंपनियों द्वारा यूक्रेन में ड्रोन निर्माण शुरू करने और यूरोपीय संघ की सदस्यता की दिशा में यूक्रेन के बढ़ते कदम भी शामिल रहे।
पश्चिमी मदद की जरूरत और बढ़ी
रविवार-सोमवार की रात हुए रूसी हमलों ने यूक्रेन को एक बार फिर पश्चिमी देशों से वायु सुरक्षा प्रणाली सहित सैन्य सहायता की तत्काल आवश्यकता का एहसास दिलाया। ये घटनाएं नाटो की रणनीतिक बैठकों और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्तावित यूक्रेन दौरे के ठीक पहले सामने आई हैं, जिससे तनाव और अधिक बढ़ गया है।