Monday, September 16, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

मॉस्को के साथ ऊर्जा संबंधों के कारण भारत पर दबाव बनाना अनुचित

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मॉस्को के साथ उर्जा सहयोग के कारण नई दिल्ली पर पड़ रहे दबाव को पूरी तरह से अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि भारत एक महान शक्ति है, जो अपने राष्ट्रीय हित खुद ही तय करता है और खुद ही अपने साझेदार चुनता है। इसके अलावा, लावरोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई हालिया बैठक पर यूक्रेन की टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया।  यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा, मुझे लता है कि भारत एक महान शक्ति है जो खुद ही अपने राष्ट्रीय हित तय करता है और अपने भागीदार चुनता है। हम जानते हैं कि भारत पर भारी दबाव पड़ रहा है, जो पूरी तरह से अनुचित है। लावरोव प्रधानमंत्री मोदी की हालिया मॉस्को यात्रा और रूस के साथ उर्जा सहयोग को लेकर भारत की हो रही आलोचना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। लावरोव मॉस्को की अध्यक्षता में होने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए न्यूयॉर्क में हैं। यूएनएससी की जुलाई महीने की अध्यक्षता रूस के पास है।  प्रधानमंत्री मोदी ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर 8-9 जुलाई के रूस का आधिकारिक दौरा किया। यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निदा नहीं की है और लगातार बातचीत व कूटनीति के जरिए संघर्ष के समाधान की पैरवी की है।  यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मोदी की मॉस्को यात्रा की आलोचना की थी। उन्होंने एक्स पर कहा था, “एक रूसी मिसाइल ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हमला किया, जिसमें युवा कैंसर रोगियों को निशाना बनाया गया। कई लोग मलबे में दब गए।” मोदी और पुतिन की बैठक को लेकर उन्होंने कहा था, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को ऐसे दिन मॉस्को में दुनिया के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते देखकर बड़ी निराशा हुई। यह शांति प्रयासों के लिए एक झटका है।” भारत ने उनकी टिप्पणी पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

Popular Articles