Monday, June 30, 2025

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मैनेजर ने 750 से अधिक फर्जी लाभार्थियों के खाते खोले

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बंगलूरू क्षेत्रीय कार्यालय ने कर्नाटक भोवी विकास निगम (केबीडीसी) में धन की हेराफेरी से संबंधित एक ऐसे मामले का खुलासा किया है, जिसमें मैनेजर ने ही गोलमाल कर दिया। विकास निगम के मैनेजर ने 750 से अधिक फर्जी लाभार्थियों के खाते खोले। उसके बाद उन खातों के नाम पर लोन या वित्तीय सहायता मंजूर की। इस धोखाधड़ी के जरिए मैनेजर ने जो पैसा कमाया, उससे अपने परिजनों के लिए प्रॉपर्टी खरीद ली। परिवार के लिए शानदार जीवनशैली का इंतजाम कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत बीके नागराजप्पा, आर लीलावती और अन्य आरोपियों की 26.27 करोड़ रुपये (लगभग) मूल्य की विभिन्न अचल संपत्तियों (वर्तमान बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपये) को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। ईडी की जांच से पता चला है कि केबीडीसी के तत्कालीन महाप्रबंधक बीके नागराजप्पा और केबीडीसी की तत्कालीन प्रबंध निदेशक आर लीलावती ने बिचौलियों और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर 750 से अधिक फर्जी लाभार्थियों के बैंक खाते खोल दिए। इन सभी खाताधारकों को जरुरतमंद दिखाया गया। इसके बाद धोखाधड़ी का खेल शुरु हुआ। विकास निगम के पदाधिकारियों ने 750 से अधिक फर्जी लाभार्थियों के खातों में ऋण/सब्सिडी/वित्तीय सहायता मंजूर भारी धनराशि जमा करा दी केबीडीसी पदाधिकारियों द्वारा उक्त धन का दुरुपयोग किया गया। केबीडीसी से मंजूर की गई राशि को विभिन्न संस्थाओं के बैंक खातों में भेज दिया गया। जैसे आदित्य एंटरप्राइजेज, सोमनाथेश्वर एंटरप्राइजेज, न्यू ड्रीम्स एंटरप्राइजेज, हरनतिहा क्रिएशंस, बी के नागराजप्पा और अन्य द्वारा नियंत्रित अन्निका एंटरप्राइजेज, जिसका इस्तेमाल संपत्तियों की खरीद, बिचौलियों को भुगतान करने और फिर व्यक्तियों और विभिन्न अन्य संस्थाओं के बैंक खातों में भेजने में किया गया।

आरोपियों ने केबीडीसी से गबन किया गया पैसा मुख्य रूप से अपनी शानदार जीवनशैली को बनाए रखने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल और चल संपत्तियां हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया। इससे पहले, केबीडीसी के तत्कालीन महाप्रबंधक बीके नागराजप्पा और केबीडीसी की तत्कालीन प्रबंध निदेशक आर लीलावती को ईडी ने क्रमशः 05.04.2025 और 12.04.2025 को पीएमएलए 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था। वर्तमान में ये दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले की आगे की जांच जारी है।

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