Wednesday, October 22, 2025

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मुहूर्त ट्रेडिंग 2025: 2014 के बाद ज्यादातर बार निवेशकों को मिला लाभ, आज फिर बाजार में रहेगी शुभ शुरुआत की उम्मीद

मुंबई।
दिवाली के शुभ अवसर पर आज देश के शेयर बाजारों में पारंपरिक मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया जाएगा। मुंबई सहित महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में आज दिवाली मनाई जा रही है, जिसके चलते निवेशक लक्ष्मी पूजन के साथ शेयर बाजार में शुभ निवेश की तैयारी कर रहे हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग का यह अनोखा परंपरा सत्र पहली बार 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा शुरू किया गया था। तब से यह दिवाली का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आज बाजार दोपहर 1.45 से 2.45 बजे तक एक घंटे के लिए खुलेगा।
पिछले 11 वर्षों के रुझान पर नजर डालें तो अधिकांश बार बाजार ने इस दिन निवेशकों को मुस्कराने का मौका दिया है। आंकड़ों के अनुसार, बीते 11 में से 9 बार बाजार हरे निशान पर बंद हुआ, जबकि केवल दो अवसरों पर मामूली गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, इस दिन का औसत रिटर्न सामान्य ट्रेडिंग सत्रों के प्रति घंटे के औसत रिटर्न से अधिक होता है।
विश्लेषकों का कहना है कि मुहूर्त ट्रेडिंग की पॉजिटिव रिटर्न की संभावना करीब 80% रहती है। वहीं, रिटर्न में उतार-चढ़ाव यानी स्टैंडर्ड डेविएशन मात्र 0.15% के आसपास रहता है, जो इसे अपेक्षाकृत स्थिर और प्रेडिक्टेबल बनाता है। यही कारण है कि कई निवेशक इस सत्र को नए वित्तीय वर्ष की शुभ शुरुआत के रूप में देखते हैं।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीते वर्षों में आईटी, बैंकिंग, एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर ने मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है। इस बार भी इन सेक्टरों में हलचल की उम्मीद है।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, “दिवाली का यह सत्र सिर्फ निवेश का नहीं बल्कि विश्वास का प्रतीक है — यह भारतीय परंपरा और आधुनिक निवेश भावना का संगम है।”
निवेशकों की निगाह आज एक बार फिर सेंसेक्स और निफ्टी की चाल पर टिकी होगी, क्योंकि ऐतिहासिक तौर पर यह दिन ‘धन लाभ’ का प्रतीक साबित हुआ है।

सबरीमाला मंदिर में महिला विशिष्ट अतिथि का दो दिवसीय दौरा: सुरक्षा कड़ी, व्यवस्थाओं की समीक्षा और विशेष पूजा की तैयारी
सबरीमाला मंदिर में आगामी यात्रा सीजन के दौरान विशेष तैयारियों के बीच एक महत्वपूर्ण महिला आगंतुक के दर्शन करने की घोषणा से क्षेत्र में उत्सुकता बढ़ गई है। वह अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी और इसके साथ ही विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, उनके दौरे का उद्देश्य सबरीमाला यात्रा से जुड़े प्रबंधों की समीक्षा करना, भक्तों की सुविधा संबंधी तैयारियों का जायजा लेना और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बैठक में शामिल होना है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस दौरे को देखते हुए मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है।

सबरीमाला मंदिर में दर्शन से पहले वह पंपा और निलक्कल बेस कैंप का भी दौरा करेंगी, जहां यात्रियों के ठहरने, भोजन और स्वच्छता व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। मंदिर प्रशासन ने बताया कि दर्शन के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों का पूर्ण पालन किया जाएगा। मंदिर के मुख्य पुरोहितों को विशेष पूजा की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, उनके इस दौरे के दौरान सबरीमाला यात्रा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और सुविधाओं को लेकर भी चर्चा की संभावना है। हाल के वर्षों में महिला श्रद्धालुओं के आगमन में वृद्धि हुई है, जिसके मद्देनजर मंदिर प्रशासन नई व्यवस्थाओं पर विचार कर रहा है।

दर्शन के अलावा वह पथानमथिट्टा जिले में आयोजित कई सांस्कृतिक और जनकल्याण कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगी। इनमें महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों से मुलाकात, स्थानीय कारीगरों की प्रदर्शनी का उद्घाटन और ‘स्वच्छ यात्रा पथ’ अभियान की समीक्षा शामिल है।

जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने मंदिर मार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दर्शन के दौरान मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रित रखने के लिए प्रवेश को सीमित समयावधि में किया जाएगा। पंपा नदी किनारे और निलक्कल पार्किंग एरिया में बैरिकेडिंग और सीसीटीवी निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में इस दौरे को लेकर उत्साह है। मंदिर के आसपास के व्यापारी वर्ग का कहना है कि इससे सबरीमाला क्षेत्र की पहचान और श्रद्धालुओं की संख्या दोनों में वृद्धि होगी।

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