ओडिशा के सीएम मोहन चरण माजी के अग्निवीरों के लिए किए गए आरक्षण के एलान पर नाराजगी जताते हुए विपक्ष ने कहा है कि जब सदन चल रहा है तो मुख्यमंत्री ने सदन के बाहर क्यों एलान किया। कांग्रेस सदस्य तारा प्रसाद बाहिनिपति ने मुख्यमंत्री पर विधानसभा का अनादर करने और 26 जुलाई को सदन के बाहर नीतिगत फैसले की घोषणा करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया। कांग्रेस सदस्य ताराप्रसाद बनिनीपति ने कहा कि सदन के सत्र के दौरान सरकार को कोई नीतिगत निर्णय की घोषणा सदन के बाहर नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस और बीजद सदस्यों ने स्पीकर सुरमा पाढ़ी से विशेषाधिकार नोटिस स्वीकार करने और इसे विशेषाधिकार समिति को भेजने का अनुरोध किया। हालांकि, स्पीकर ने कहा कि वह नोटिस की जांच करेंगी। वहीं स्पीकर के फैसले से नाराज दोनों विपक्षी दलों ने सदन के वेल में हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट के लिए, फिर दोपहर 12.20 बजे तक और बाद में दोपहर 12.24 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि शून्यकाल शुरू होते ही अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग से बयान देने को कहा, जिसमें उन्होंने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को पढ़ा। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने राज्य की वर्दी सेवा में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित की हैं और आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी है। जिन अग्निवीरों को रक्षा सेवा में समायोजित नहीं किया जा सका, उन्हें राज्य की वर्दी सेवा में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।





