विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग की ओर से हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए दिव्यांगजन प्रतिभागियों की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए एक औपचारिक मंच तैयार किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और उन्होंने 41 उत्कृष्ट प्रतिभाओं को 8,000 रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र और मानपत्र प्रदान कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों से व्यक्तिगत रूप से भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में 905.13 लाख रुपये की लागत से बनने वाले बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड और समाज कल्याण आईटी सेल के बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। साथ ही नैनीताल स्थित प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र (एलिम्को) का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस केवल कैलेंडर की औपचारिकता नहीं, बल्कि उन असाधारण व्यक्तियों को सम्मान देने का महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने कठिन चुनौतियों को अवसर में और संघर्षों को प्रेरणा में बदलकर समाज को नई दिशा दी है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगता केवल शरीर में हो सकती है, लेकिन सपनों की उड़ान और आत्मबल को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चैनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया और बिना हाथों के विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियन बनीं शीतल देवी का उल्लेख करते हुए कहा कि ये उदाहरण बताते हैं कि संकल्प के आगे कोई बाधा बड़ी नहीं होती। धामी ने हाल ही में कोलंबो में टी-20 ब्लाइंड वूमेन वर्ल्ड कप–2025 जीतकर देश का मान बढ़ाने वाली भारत की दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम को भी बधाई दी।
दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की प्रमुख पहलें
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दिव्यांगजनों को समान अवसर, बेहतर सुविधा और गरिमामय जीवन उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि—
- आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है।
- दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को 700 रुपये मासिक भरण-पोषण अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
- तीलू रौतेली विशेष दिव्यांग पेंशन योजना और बौना पेंशन योजना के तहत 1200 रुपये मासिक पेंशन का प्रावधान है।
- सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया गया है।
- दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है और कृत्रिम अंगों की आवश्यकता होने पर 7,000 रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
- दिव्यांग से विवाह करने पर 50,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सुविधा शुरू की गई है।
- जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से सभी योजनाओं का एकीकृत लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके साथ ही राज्य में दिव्यांगजनों के लिए कई संस्थागत सुविधाओं को भी सुदृढ़ किया गया है। देहरादून स्थित आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय में ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा शुरू की गई है। ऊधमसिंह नगर में मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए पुनर्वास गृह का निर्माण किया गया है। देहरादून में राज्य का पहला “प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र” भी प्रारंभ किया गया है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों के पुनर्वास और प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण शुरू किया गया है, जिससे दिव्यांगजनों की वास्तविक संख्या, उनकी आवश्यकताओं और सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक संसाधनों का सही आकलन किया जा सकेगा।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त, आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारे दिव्यांगजन कोई बोझ नहीं, बल्कि “समाज के दिव्य-अंग” हैं, जिनकी सफलता और हौसला पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा है।





