इस बार का मानसून उत्तर भारत के लिए आफ़त बनकर आया है। पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी राज्यों तक बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से जहां सैकड़ों सड़कें और राजमार्ग बंद हो गए हैं, वहीं हजारों वाहन फंसे हुए हैं।
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर त्रासदी
जम्मू में भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। माता वैष्णो देवी के यात्रा मार्ग पर भारी बारिश और मलबा गिरने से 35 श्रद्धालुओं की जान चली गई। प्रशासन ने यात्रियों को फिलहाल सावधानी बरतने और मौसम सुधरने तक यात्रा टालने की अपील की है।
हिमाचल में तबाही का मंजर
हिमाचल प्रदेश में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार अब तक भूस्खलन, मकान ढहने और अचानक आई बाढ़ की घटनाओं में 310 लोगों की मौत हो चुकी है।
• 534 सड़कें बंद हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है।
• 1,184 बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
• कुल्लू और मंडी सबसे अधिक प्रभावित हैं। कुल्लू में 166 सड़कें बंद हैं, वहीं मंडी में 216 सड़कें।
• कुल्लू और मंडी जिलों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह बाधित है।
चंडीगढ़–कुल्लू हाईवे पर महाजाम
सबसे भयावह स्थिति चंडीगढ़–कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर देखने को मिल रही है। यहां लैंडस्लाइड के कारण हजारों ट्रक फंस गए हैं। इन ट्रकों में भरे सेब, टमाटर और अन्य सब्जियां सड़ने लगी हैं। छोटे वाहनों के लिए आंशिक रास्ता खोला गया है, लेकिन भारी वाहनों की लंबी कतार अब भी जमी हुई है।
करोड़ों का नुकसान
लगातार बारिश और भूस्खलन से न सिर्फ जनहानि हुई है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी गहरा झटका लगा है। हिमाचल सरकार के शुरुआती आकलन के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को 2.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
• लोक निर्माण विभाग (PWD) को सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से 1.31 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
• जल शक्ति विभाग (JSV) को जलापूर्ति और सिंचाई योजनाओं में 87,226 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
• बिजली क्षेत्र को बुनियादी ढांचे के नुकसान से 13,946 करोड़ रुपये का झटका लगा।
आगे का खतरा बरकरार
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत और विशेषकर पहाड़ी राज्यों में अभी कुछ दिन और भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके चलते नए भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। अलर्ट जारी कर लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।





