Saturday, June 28, 2025

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‘मानवता ने खोले नरक के द्वार’, वैश्विक संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की चेतावनी

वैश्विक संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है। न्यूयॉर्क में जलवायु संकट पर आयोजित शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि मानवता ने नरक के द्वार खोल दिए हैं। भयंकर गर्मी के भयानक प्रभाव हो रहे हैं। बाढ़ में फसलों को बहता देखकर किसान परेशान हैं। गर्मी से बीमारियां फैल रही हैं। गुटेरेस ने कहा कि चुनौती के पैमाने के सामने जलवायु कार्रवाई बौनी पड़ रही है। अगर कुछ नहीं बदला तो हम एक खतरनाक और अस्थिर दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं।  संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु कार्रवाई पर महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाना है। गुटेरेस ने कहा कि विकसित देश 2040 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करें। वायु मंडल से वह उतना ही प्रदूषण हटाएं, जितना कि वे पैदा करते हैं।  उन्होंने देशों से जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए समय सीमा तय करने के लिए कहा। साथ ही निम्न और मध्यम आय वाले देशों को स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ने में मदद करने के लिए फंडिंग में बढ़ोतरी करने और जलवायु लचीलेपन उपायों में निवेश करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम दशकों पीछे हैं। हमें टालमटोल, दबाव और जीवाश्म ईंधन से अरबों डॉलर कमाने के स्वार्थ के लालच में खोए समय की भरपाई करनी होगी।   

यूएन महासचिव के विशेष सलाहकार सेल्विन हार्ट ने कहा कि जिन देशों ने 2050 तक शुद्ध शून्य और पेरिस समझौते के तहत तापमान को 1.5 डिग्री तक कम करने की प्रतिबद्धता जताई थी, वे मौजूदा समय में जीवाश्म ईंधन लाइसेंसिंग का विस्तार कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त में हुआ जब दुनिया बाढ़ और आग से जूझ रही है। इसका उद्देश्य दिसंबर में दुबई में संयुक्त राष्ट्र के कॉप 28 जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले पृथ्वी को गर्म करने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम करना है। सम्मेलन में केवल उन देशों ने भाग लिया, जिनके पास जलवायु संकट से निपटने की ठोस योजना है। सम्मेलन में 200 देशों में से केवल 34 देशों और सात गैर सरकारी निकायों को बोलने का मौका दिया गया।

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