उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाया जाएगा। उनके लिए महिला नीति के तहत अलग से बजट देने का प्रावधान रहेगा।
राज्य महिला आयोग ने सुझाव दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं को तो नहीं रोका जा सकता लेकिन उनके प्रभाव को कम करने के लिए पहाड़ की महिलाओं को आर्थिक मजबूती दी जा सकती है। आयोग ने देखा है कि आपदा आने पर सबसे ज्यादा उन क्षेत्रों की महिलाएं हिम्मत दिखाती हैं वह अपने बच्चों और परिवार की खातिर पहाड़ जैसा हौसले रखती हैं।
दुर्गम परिस्थितियों में भी चूल्हा-चौका जोड़ने से लेकर बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी संभालती हैं इसलिए महिला नीति में आपदा प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं के लिए विशेष बजट रखने का सुझाव दिया गया, जिसे राज्य में जल्द लागू होने जा रही महिला नीति के ड्राफ्ट में शामिल कर लिया गया है।
इस सिलसिले में महिला सशक्तिकरण विभाग की टीम धरातल पर काम कर रही है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष खुद अपनी टीम के साथ 13 अक्तूबर को गोपेश्वर और चमोली के दौरे पर हैं, जहां आपदा प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं से बातचीत के आधार पर सर्वे जारी है।
राज्य की ओर से महिला नीति तैयार की जा रही है, जिसमें राज्य महिला आयोग के कई महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए गए हैं। आयोग ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक तौर पर अधिक सशक्त बनाने का सुझाव दिया है, ताकि वह प्राकृतिक आपदा की स्थिति में परिवार के भरण-पोषण के लिए किसी की मोहताज न हो।