Friday, November 28, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

महाराष्ट्र सिर्फ आधार कार्ड से बने जन्म प्रमाण पत्र होंगे रद्द

महाराष्ट्र सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र प्रक्रिया में बड़े बदलाव का ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि केवल आधार कार्ड के आधार पर बनाए गए जन्म प्रमाण पत्र अब मान्य नहीं होंगे। सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि अगस्त 2023 के बाद आधार कार्ड के सहारे बनाए गए सभी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए जाएंगे। साथ ही, अब देरी से बने जन्म प्रमाण पत्रों के लिए आधार कार्ड को किसी भी रूप में प्रमाणित दस्तावेज नहीं माना जाएगा।

सरकार का कहना है कि हाल के दिनों में फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों, परिचय छिपाने और गलत पहचान बनाने के लिए किया जा रहा था। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने कठोर कदम उठाते हुए प्रमाण पत्र प्रक्रिया को सख्त बनाने का निर्णय लिया है।

राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि संदिग्ध दस्तावेजों की पहचान कर उन्हें तत्काल रद्द कर दिया जाए। साथ ही, जिन अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज जारी किए हैं, उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राजस्व विभाग ने राज्य के सभी तहसीलदार, एसडीओ, जिला आयुक्त और मंडल आयुक्तों को 16-बिंदुओं वाला दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की नई प्रक्रिया और नियमों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।

केंद्र सरकार के मानकों के अनुरूप महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड को जन्म की तारीख प्रमाणित करने वाले दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर किसी आवेदन में आधार कार्ड और प्रस्तुत जानकारी के बीच कोई असंगति पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। वहीं, सही दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने की स्थिति में आवेदक को भगोड़ा घोषित करते हुए उसके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।

यह आदेश ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक बड़े अभियान के दौरान 42 हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र रद्द किए थे। इन प्रमाण पत्रों को कथित तौर पर भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों ने बनवा लिया था। सरकार अब अवैध घुसपैठियों की पहचान और उन पर कार्रवाई करने के लिए राज्यभर में विशेष अभियान चला रही है। सरकार का मानना है कि यदि दस्तावेजी प्रक्रिया सख्त की जाए तो फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने की प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।

इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यह स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र या जन्म तिथि प्रमाणित करने वाले दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। योजना विभाग ने राज्य के सभी विभागों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के ये कदम जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

Popular Articles