दुनिया की चकाचौंध में संगम की रेती की महिमा किस तरह फैलने जा रही है, इसकी बानगी महाकुंभ में दिखेगी। दरअसल, एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी और दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में शुमार लॉरेन पॉवेल भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में शामिल होंगी। इस बात की जानकारी आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनंद जी महाराज ने दी है। स्वामी कैलाशनंद ने कहा, ‘लॉरेन अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। वह मेरी बेटी जैसी है। शिष्या बेटी के समान होती हैं। हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम ‘कमला’ रखा है। यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं। महाकुंभ में सभी का स्वागत है। वह तीन से चार दिन रुकेंगी। वे महाकुंभ में आकर साधुओं से मिलेंगी और हमारे परंपराओं को समझने की कोशिश करेंगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि हम कोशिश करेंगे कि पॉवेल को अखाड़े की पेशवाई में शामिल किया जाए, लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करेगा। वे इस कुंभ का दौरा करेंगी और यहां संतों से मिलेंगी। उन्हें भी अच्छा लगेगा। हमें भी अच्छा लगेगा कि जो लोग हमारी परंपराओं के बारे में ज्यादा नहीं जानते, वे भी सीखना चाहते हैं। बता दें कि स्टीव जॉब्स भी सनातन परंपरा में विश्वास रखते थे और उनके जीवन से जुड़े कई किस्से हैं, जिनमें वह भारतीय संतों से प्रभावित रहे हैं। इन संतों में बाबा नीम करोली महाराज का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है। 1974 में स्टीव जॉब्स बाबा नीम करोली के दरबार में आए थे। उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा सच जो रहस्य बन चुका था, उसे जानने के लिए वह बाबा नीम करोली के आश्रम पहुंचे थे। इस यात्रा के दौरान वह नीम करोली के बाबा के आश्रम कैंची धाम में रुके थे। इसके अलावा, परमहंस योगानंद द्वारा लिखित ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी’ किताब भी उनके लिए बहुत खास रही थी। स्टीव जॉब्स ने कई मौकों पर इस किताब को जिंदगी में बदलाव लाने का जरिया माना था।