अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से खचाखच भरी एक बस अनियंत्रित होकर करीब 150 फुट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई। रामनगर अस्पताल में 34 घायल लाए गए थे। इनमें से आठ की यहां मौत हो गई। छह घायलों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश भेजा गया, जबकि 11 को अन्य जगह के लिए रेफर कर दिया गया है। नौ लोग रामनगर अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
अल्मोड़ा के मरचूला के निकट कृषी बैंड पर हुए भीषण बस हादसे के बाद मौके पर मंजर बेहद ही भयावह था। घटनास्थल पर शव बिखरे पड़े थे और इधर उधर लहूलुहान हालत में घायल कराह रहे थे। इन्हें देखकर लोगों की रूह भी कांप उठी। सामान्यजन तो अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे वहीं कई अधिकारी भी रुआंसे नजर आए। हर कोई यही कह रहा था कि हे भगवान आखिर इतने बेकसूरों को किस बात की सजा दी। सोमवार को सुबह करीब सात बजे जब बस खाई में गिरी तो उसके परखच्चे उड़ गए। लोगों की चीखपुकार के बीच बस को काट कर लोगों को बाहर निकाला गया। हादसे के एक घंटे बाद जैसे ही अधिकारियों का पहुंचना शुरू हुआ और आसपास के गांवों से जिसे भी हादसे की सूचना मिली वह मौके की तरफ दौड़ पड़ा। बचाव कार्य में जुटे नीरज सिंह ने बताया कि कई लोग तो शवों को देखते ही बेहोश हो गए, जिन्हें बमुश्किल संभाला गया। घायलों और बस के नीचे दबे लोगों की चीखें सुनी नहीं जा रही थीं। कटर के इंतजार में बेबस होकर उनकी कराह सुनकर बस दिलासा ही दिया जा रहा था कि सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। सल्ट के एसडीएम संजय सिंह ने बताया कि घायलों को बेहतर उपचार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं जबकि दुर्घटनास्थल पर ही पोस्टमार्टम की व्यवस्था कराई गई है।दुर्घटनास्थल पर मची चीखपुकार के बीच बगड़ खेत की की रहने वाली अर्चना देवी बार-बार बदहवास हो रही थीं। क्षेत्रवासियों ने बताया कि अर्चना के पति फौज में थे। इनके घर बीती रात जागर थी। अर्चना के दो देवर रविंद्र सिंह और सोहन सिंह भी इस पूजा में शामिल थे, जिन्हें परंपरा के अनुरूप पूजा के उपरांत गंगा स्नान के लिए हरिद्वार जाना था।
अर्चना ने दोनों देवरों को सोमवार सुबह ही हरिद्वार के लिए रवाना किया। वे दोनों भी इस बस में सवार थे। हादसे की खबर सुनकर अर्चना भागते हुए मौके पर पहुंची तो दोनों देवरों को खोजने लगी। कुछ पता नहीं चलने पर शव देखे तो दोनों देवर बेजान पड़े थे, जिन्हें देखकर अर्चना गश खाकर गिर पड़ी। उन्हें बमुश्किल संभाल कर घर भिजवाया गया।