ब्राजीलिया।
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस गए हैं। पुलिस ने उन पर मार्च 2023 से फरवरी 2024 के बीच 50 लाख डॉलर के संदिग्ध लेनदेन का आरोप लगाया है।
पुलिस का दावा
जांच एजेंसियों के अनुसार, बोल्सोनारो को इस अवधि में करीब 30 मिलियन ब्राजीलियन रियाल (लगभग 5 मिलियन डॉलर) मिले, जिनका कोई स्पष्ट औचित्य नहीं है। इसी दौरान उनके खाते से लगभग इतनी ही राशि डेबिट भी की गई।
दस्तावेजों से पता चला कि केवल PIX नामक ऑनलाइन सिस्टम के जरिए ही 12 लाख से ज्यादा लेनदेन से उन्हें लगभग 3.48 मिलियन डॉलर मिले। इतना ही नहीं, उन्होंने वायर ट्रांसफर, जमा पर्ची भुगतान और विनिमय कार्यों में भी भारी रकम खर्च की।
पुलिस का कहना है कि बोल्सोनारो और उनके बेटे एडुआर्डो ने वित्तीय संसाधनों के स्रोत और गंतव्य को छिपाने के लिए कई पैंतरे अपनाए। इनका मकसद एडुआर्डो की कथित अवैध गतिविधियों को विदेश से वित्तीय मदद पहुंचाना था।
राजनीतिक शरण पर अटकलें
जांच में यह भी सामने आया कि बोल्सोनारो ने पिछले साल अर्जेंटीना में राजनीतिक शरण लेने पर विचार किया था। हालांकि, उनके वकीलों ने इन आरोपों से इनकार किया।
वकील पाउलो कुन्हा ब्यूनो ने टीवी चैनल से कहा, “पूर्व राष्ट्रपति के पास भागने के हालात थे, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया। उन्होंने अर्जेंटीना जाने की इच्छा भी नहीं जताई।”
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एलेक्जेंडर डी मोरेस ने बोल्सोनारो के वकीलों से 48 घंटे में जवाब मांगा है कि क्यों पूर्व राष्ट्रपति ने नजरबंदी के आदेशों का पालन नहीं किया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में बोल्सोनारो का पासपोर्ट जब्त कर लिया था ताकि उनके भागने की आशंका को रोका जा सके।
बोल्सोनारो का पलटवार
बोल्सोनारो ने आरोप लगाया है कि मौजूदा राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा की सरकार उन्हें राजनीतिक प्रताड़ना का शिकार बना रही है। उन्होंने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को दिए एक 33 पन्नों के दस्तावेज में भी यही दावा दोहराया।
अब सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ इस मामले पर 2 से 12 सितंबर के बीच फैसला सुनाएगी। यदि अटॉर्नी जनरल न्याय में बाधा डालने का अतिरिक्त आरोप लगाते हैं, तो पूर्व राष्ट्रपति को एक और मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।