मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा को मंजूरी देने के वैधानिक प्रस्ताव पर लोकसभा में एक घंटे तक चर्चा होगी। अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सोमवार को हुई लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीएसी ने 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच, 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों और मणिपुर के लिए बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने पर चर्चा के लिए छह घंटे आवंटित करने का भी निर्णय लिया है। इन विषयों पर एकसाथ चर्चा की जाएगी।रेलवे पर चर्चा के लिए 10 घंटे तथा जल शक्ति, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर बहस के लिए एक-एक दिन का समय तय किया गया है। वित्त विधेयक पर आठ घंटे चर्चा होगी। समिति ने अध्यक्ष को अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान के लिए आवास एवं शहरी मामले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, विदेश मामले तथा रक्षा से संबंधित दो और मंत्रालयों का चयन करने के लिए अधिकृत किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के लिए लोकसभा में बजट पेश किया। इसमें 35,103.90 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया गया है। चालू वित्त वर्ष में राज्य के लिए बजटीय आवंटन 32,656.81 करोड़ रुपये था। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है। बजट में पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) के तहत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक और सामाजिक क्षेत्र परिव्यय के लिए 9,520 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए राहत और पुनर्वास तथा उन्हें अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराने के लिए 15 करोड़ प्रदान किए गए हैं। विस्थापितों के आवास के लिए 35 करोड़ रुपये, राहत अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये और मुआवजे के लिए सात करोड़ रुपये दिए जाएंगे।