मणिपुर के चंदेल जिले में आयोजित ड्रोन टेक्नोलॉजी बूटकैंप सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें युवाओं, तकनीकी विशेषज्ञों और सुरक्षा बलों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह बूटकैंप आधुनिक ड्रोन तकनीक के उपयोग, संचालन, सुरक्षा मानकों और नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को न केवल ड्रोन उड़ान का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, बल्कि उनसे जुड़ी तकनीकी चुनौतियों और समाधान पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
आयोजन में विशेषज्ञों ने बताया कि ड्रोन अब कृषि, आपदा प्रबंधन, निगरानी, यातायात नियंत्रण और रक्षा क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बनते जा रहे हैं। इसलिए ऑपरेशनल तैयारी और तकनीकी दक्षता आवश्यक हो गई है। बूटकैंप में प्रतिभागियों को नवीनतम ड्रोन मॉडल, उनकी कार्यप्रणाली, सेंसर तकनीक, डेटा एकत्रीकरण और रियल-टाइम मॉनिटरिंग की विधियों से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रशिक्षकों ने ड्रोन के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को लेकर भी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश साझा किए।
कार्यक्रम का मुख्य फोकस युवाओं में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करना और उन्हें रोजगारोन्मुखी अवसरों से जोड़ना था। कई प्रतिभागियों ने ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमिता की संभावनाओं पर भी जानकारी प्राप्त की। आयोजन से स्थानीय युवाओं में नई तकनीक के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ा है, जिसे आयोजकों ने इस बूटकैंप की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
बूटकैंप के समापन अवसर पर आयोजकों ने कहा कि मणिपुर जैसे सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन तकनीक का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यह निगरानी, सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूती प्रदान करती है। उन्होंने भविष्य में ऐसे और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की, ताकि क्षेत्र में तकनीकी क्षमता का विस्तार हो सके और अधिक से अधिक युवा इस क्षेत्र से लाभान्वित हों।





