आठ फीट बर्फ और लगातार होती भारी बर्फबारी, तापमान माइनस में… ऐसी विषम परिस्थितियों में सेना और आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन में दबे मजदूरों को निकालने में दिनभर जुटे रहे। 11 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान का परिणाम यह रहा कि देर शाम तक 32 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया। सेना और आईटीबीपी का यही जज्बा उन्हें हिमवीर बनाता है।
शुक्रवार को माणा गांव के पास हुए भारी हिमस्खलन की सूचना पर वहां तैनात सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सुबह सात बजे ही रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। क्षेत्र में सुबह से ही लगातार भारी बर्फबारी होती रही। पूरे क्षेत्र में सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है, लेकिन जवानों ने बिना रुके इस विषम परिस्थिति में रेस्क्यू अभियान जारी रखा। 11 घंटे तक सेना और आईटीबीपी के जवान बर्फ में दबे मजदूरों को निकालने में जुटे रहे।पूरा आपदा तंत्र इस आपदा से निपटने के लिए सेना और आईटीबीपी पर ही निर्भर रहा। बदरीनाथ हाईवे बर्फबारी के कारण बंद होने से आपदा प्रबंधन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम देर शाम तक वहां नहीं पहुंच पाई थी।