Tuesday, December 23, 2025

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भूकंप के प्रभाव को लेकर गढ़वाल मंडल अधिक संवेदनशील

गढ़वाल मंडल को भूकंप के दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है और इसी खतरे को वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए अब एक नई पहल की गई है। देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक नया भूकंपीय मॉडल विकसित किया है, जो क्षेत्र में भूकंप के संभावित प्रभावों का अधिक सटीक आकलन करने में मदद करेगा। यह मॉडल न केवल भूकंपीय गतिविधि के पैटर्न का अध्ययन करता है, बल्कि जमीन की बनावट, सक्रिय फॉल्ट लाइन, भूकंप की गहराई और भू-भौतिकीय परिवर्तनों जैसे महत्वपूर्ण कारकों का विश्लेषण भी करता है।

संस्थान के विशेषज्ञों के अनुसार, गढ़वाल का भूभाग लगातार टेक्टॉनिक मूवमेंट की प्रक्रिया से गुजर रहा है, जिसके कारण यहां बड़े भूकंप की संभावना हमेशा बनी रहती है। नए मॉडल से वैज्ञानिक अब यह और अधिक स्पष्टता से समझ पाएंगे कि किन क्षेत्रों पर भूकंप का प्रभाव ज्यादा पड़ सकता है और किस तरह की तैयारियां पहले से की जानी चाहिए। इससे स्थानीय प्रशासन को संवेदनशील इलाकों की पहचान में भी काफी मदद मिलेगी, ताकि समय रहते आपदा प्रबंधन की बेहतर रणनीति तैयार की जा सके।

वाडिया इंस्टीट्यूट का कहना है कि इस शोध का उद्देश्य केवल वैज्ञानिक अध्ययन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है। संस्थान का मानना है कि जब तक भूकंप के जोखिम को सही तरीके से समझा नहीं जाएगा, तब तक प्रभावी तैयारी संभव नहीं है। इसलिए यह नया मॉडल गढ़वाल मंडल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के लिए भविष्य की आपदा प्रबंधन योजनाओं का आधार बन सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि आने वाले समय में इस मॉडल का उपयोग उत्तराखंड के अन्य भूकंप-संभावित क्षेत्रों में भी किया जाएगा, जिससे राज्य की समग्र सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सकेगी।

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