प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से तीन देशों के यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कनाडा में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और इसके साथ ही साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा भी करेंगे। पीएम मोदी की चार दिनों इस यात्रा पर साइप्रस गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त मनीष प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साइप्रस दौरे को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि करीब 20 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस जा रहा है और पीएम मोदी की यह पहली यात्रा होगी।उच्चायुक्त मनीष के मुताबिक, इस यात्रा में व्यापार, तकनीक, पर्यटन और निवेश के क्षेत्र में अहम समझौते हो सकते हैं। इसके अलावा रक्षा और सुरक्षा सहयोग, कारोबार, जनसंपर्क और वैश्विक-क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी।प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत और इन देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला माना जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा को लेकर वहां भारत के उच्चायुक्त मनीष ने कहा है कि यह दौरा भारत और साइप्रस के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने का बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया-साइप्रस इकोनॉमिक कॉरिडोर’ को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
मनीष ने बताया कि भारत का लक्ष्य है 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना, जबकि साइप्रस ने ‘विजन 2035’ तय किया है। दोनों देशों के इन विजनों में तालमेल है और अब ज़रूरत है कि दोनों देश एक-दूसरे की ताकतों को समझकर मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि साइप्रस की खासियत यह है कि वह यूरोपीय संघ (ईयू) और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंच बनाने का एक ‘गेटवे’ बन सकता है।मनीष ने यह भी कहा कि साइप्रस यह समझ चुका है कि भारत के साथ मिलकर काम करना उनके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। वहीं, साइप्रस खुद भी ईयू में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है। हाई कमिश्नर के अनुसार, दोनों देशों की अपनी-अपनी खूबियां हैं, और अब ज़रूरत है कि इनका फायदा उठाकर व्यापार, निवेश, तकनीक और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाया जाए।
मनीष ने आगे कहा कि साइप्रस में भारत के उच्चायुक्त मनीष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि साइप्रस में करीब 11,500 भारतीय रहते हैं, जो मुख्य रूप से शिपिंग और आईटी क्षेत्रों में काम करते हैं। यहां भारतीय संस्कृति और योग काफी लोकप्रिय हैं, और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक बड़ा आयोजन भी किया जाएगा।