Saturday, December 27, 2025

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भारत में ‘फेफड़ों की बीमारियों की सुनामी’ की आहट: प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर डॉक्टरों ने जारी किया ‘रेड अलर्ट’

नई दिल्ली। देश के प्रमुख महानगरों में छाई जहरीली धुंध अब केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल बन चुकी है। चिकित्सा विशेषज्ञों और देश के शीर्ष डॉक्टरों ने चेतावनी जारी की है कि यदि प्रदूषण पर तत्काल लगाम नहीं लगाई गई, तो भारत जल्द ही ‘फेफड़ों की बीमारियों की सुनामी’ का सामना करेगा। डॉक्टरों के अनुसार, अस्पतालों के ओपीडी (OPD) में सांस के मरीजों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में 30 से 40 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है।

साइलेंट किलर बना PM 2.5: फेफड़ों के साथ दिल को भी खतरा

डॉक्टरों ने बताया कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM 2.5) फेफड़ों के फिल्टर को भेदकर सीधे रक्त प्रवाह में मिल रहे हैं।

  • अपरिवर्तनीय क्षति: दिल्ली और एनसीआर के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट्स का कहना है कि जो बच्चे इस प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं, उनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हो पा रहे हैं। यह क्षति ‘इरिवर्सिबल’ (अपरिवर्तनीय) है, यानी इसे भविष्य में ठीक नहीं किया जा सकेगा।
  • केवल फेफड़े ही नहीं: प्रदूषण केवल अस्थमा या ब्रोंकाइटिस तक सीमित नहीं है। डॉक्टरों ने आगाह किया है कि जहरीली हवा के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर के मामलों में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

‘धूम्रपान न करने वाले’ भी गंभीर खतरे में

इस चेतावनी की सबसे डरावनी बात यह है कि फेफड़ों की बीमारियां अब केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं रह गई हैं।

“आज एक स्वस्थ व्यक्ति जो धूम्रपान नहीं करता, वह भी दिल्ली जैसी हवा में सांस लेकर दिनभर में 10 से 15 सिगरेट जितना धुआं अपने अंदर खींच रहा है। यही कारण है कि अब कम उम्र के युवाओं में भी फेफड़े काले पड़ने और फाइब्रोसिस की शिकायतें मिल रही हैं।” — वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ

अस्पतालों में बढ़ रहा है बोझ

देश के बड़े अस्पतालों जैसे AIIMS और सफदरजंग के डेटा बताते हैं कि सर्दियों के दौरान सांस की तकलीफ, सीने में जकड़न और लगातार खांसी की शिकायतों के साथ आने वाले मरीजों की कतारें लंबी होती जा रही हैं। डॉक्टरों ने इसे एक ‘धीमा जहर’ करार दिया है जो समाज के एक बड़े हिस्से को धीरे-धीरे अपनी चपेट में ले रहा है।

बचाव के उपाय और डॉक्टरों की सलाह

विशेषज्ञों ने नागरिकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:

  • N-95 मास्क का अनिवार्य उपयोग: बाहर निकलते समय साधारण कपड़े के मास्क के बजाय N-95 मास्क का प्रयोग करें।
  • सुबह की सैर से बचें: जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में हो, तो आउटडोर एक्सरसाइज या मॉर्निंग वॉक न करें।
  • एयर प्यूरीफायर और वेंटिलेशन: घरों के भीतर हवा को साफ रखने के लिए प्यूरीफायर का उपयोग करें और घर में नमी न होने दें।

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