पाकिस्तान के शीर्ष नेता और जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने भारत से पाकिस्तान की तुलना करते हुए कहा है कि भारत आज महाशक्ति बनने की राह पर है, जबकि हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। मौलाना ने पूछा कि इस हालात के लिए कौन जिम्मेदार है? पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद नेशनल असेंबली के पहले सत्र को संबोधित करने के दौरान मौलाना फजलुर रहमान ने ये बात कही। मौलाना ने कहा कि ‘देश की दुर्दशा के लिए पर्दे के पीछे से फैसले लेने वाली अदृश्य ताकतें जिम्मेदार हैं, जिन्होंने जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को कठपुतली बना दिया है।’ उन्होंने कहा कि ‘यही ताकतें दीवारों के पीछे से हमें नियंत्रित करती हैं। वही फैसले करती हैं, जबकि हम सिर्फ कठपुतलियां हैं।’ पाकिस्तानी संसद की वैधता पर सवाल उठाते हुए मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि ‘संसद सदस्यों ने सिद्धांतों को त्याग दिया है और वे लोकतंत्र को बेचने में जुटे हैं। क्या संसद हकीकत में लोगों के जनादेश को प्रतिबिंबित करती है? महलों में और नौकरशाहों द्वारा फैसला किया जाता है कि कौन प्रधानमंत्री होगा।’
मौलाना फजलुर रहमान ने पूछा कि ‘कब तक हम समझौता करते रहेंगे? कब तक हम सांसद चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे?’ उन्होंने 2018 और 2024 दोनों चुनावों में चुनावी धांधली की निंदा की। रहमान ने स्वतंत्र रूप से कानून बनाने में कानून निर्माताओं की कथित शक्तिहीनता पर अफसोस जताया। उन्होंने सवाल किया, ‘इस सदन में बैठते समय हमारी अंतरात्मा कैसे साफ हो सकती है, क्योंकि हारने वाले और जीतने वाले दोनों संतुष्ट नहीं हैं।’ मौलाना ने कहा कि, ‘हमने अपने देश को ठहराव का शिकार बना दिया है, ऐसे देश प्रगति नहीं कर सकते।’