पड़ोसी देश बांग्लादेश में अशांति के चलते भारत-बांग्लादेश सीमा पर असम पुलिस हाई अलर्ट पर है। पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि केंद्र ने निर्देश जारी किया है कि किसी भी व्यक्ति को बांग्लादेश से भारत में अवैध प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। सिंह ने गुवाहाटी में एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, सीमा पर बीएसएफ की पहली पंक्ति है और दूसरी पंक्ति के रूप में असम पुलिस भी हाई अलर्ट पर है। हालांकि, भारतीय पासपोर्ट धारकों छात्र और व्यापारी को उचित सत्यापन के बाद प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। असम पुलिस बीएसएफ के साथ संयुक्त गश्त कर रही है। असम में आगामी स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए उठाए गए कदमों के बारे में डीजीपी ने कहा कि राज्य में पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपी को परेड मैदान में सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। मणिपुर सरकार ने भी बांग्लादेश से घुसपैठ को रोकने के लिए कुछ जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि पड़ोसी देश में अशांति के मद्देनजर बांग्लादेश से लोगों का आना चिंता का विषय है। बांग्लादेश में बड़ी हजारों अल्पसंख्यकों ने शनिवार को राजधानी ढाका सहित उत्तर-पूर्वी बंदरगाह शहर चटग्राम में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। बांग्लदेश में हिंदुओं के मंदिरों और घरों पर लगातार हमले हो रहे हैं। जिसको लेकर हिंदुओं ने सुरक्षा की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ मुकदमे में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायाधिकरण, अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन और संरक्षण कानून बनाने के लिए राजधानी ढाका में रैली निकाली। जिसके कारण तीन घंटे तक यातायात बाधित रहा।





