मालदा/कोलकाता: पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी अस्थिरता और सुरक्षा चिंताओं के बीच पश्चिम बंगाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रूप से कड़ी कर दी गई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मालदा सेक्टर में घुसपैठ रोकने के लिए पहरा बढ़ा दिया है। वहीं, स्थानीय प्रशासन और होटल एसोसिएशन ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए मालदा के होटलों और लॉज में बांग्लादेशी नागरिकों के ठहरने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
सीमा पर बीएसएफ की ‘कड़ी नजर’
सीमा पार से संभावित घुसपैठ और राष्ट्रविरोधी तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए बीएसएफ ने ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है। मालदा जिले की लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दिन-रात की गश्त बढ़ा दी गई है। नदीय क्षेत्रों और उन जगहों पर जहाँ कटीले तार नहीं हैं, वहां आधुनिक निगरानी उपकरणों और ड्रोन की मदद ली जा रही है। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सीमावर्ती गांवों में भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।
मालदा में होटलों के दरवाजे बंद
सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मालदा जिला होटल ओनर्स एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि फिलहाल किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को होटलों में कमरा नहीं दिया जाएगा। होटलों के बाहर स्पष्ट रूप से निर्देश चस्पा कर दिए गए हैं।
- पहचान की सख्ती: यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति ठहरने आता है, तो उसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को देने के निर्देश दिए गए हैं।
- दस्तावेजों की जांच: स्थानीय पर्यटकों के लिए भी आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की जांच अनिवार्य कर दी गई है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति पहचान छिपाकर न रह सके।
सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस का तालमेल
मालदा जिला पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ काम कर रही हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले बाजारों में औचक निरीक्षण (Surprise Inspection) किया जा रहा है। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से भी अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपने घरों में शरण न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दें।
व्यापार और आवाजाही पर असर
सीमा पर सख्ती और होटलों में प्रतिबंध के कारण सीमा पार से होने वाले व्यापारिक आवागमन पर भी असर देखा जा रहा है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कदम केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियातन उठाया गया है। स्थिति सामान्य होने तक ये पाबंदियां जारी रह सकती हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार और गृह मंत्रालय लगातार सीमावर्ती जिलों की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक की गुंजाइश न रहे।





