गृहमंत्री अमित शाह ने भारत को एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर देश के रूप में चित्रित किया और कहा कि देश ने खुद को निष्क्रिय से गतिशील सरकार से बदलकर, प्रतिगामी से प्रगतिशील विकास में और अर्थव्यवस्था में शीर्ष पंच के स्तर पर उत्तराधिकारी बना लिया है। उन्होंने कांग्रेस की आधारित संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के काल में महंगाई के दो अंक में पहुंच गई थी, जिसे वर्तमान सरकार ने पांच फीसदी से कम किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हुई प्रगति की तुलना पिछली सरकार के शासनकाल से की जानी चाहिए। यूपीए के 10 साल देश की विकास गाथा से लगभग गायब थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी परिस्थितियों में (2014 में) देश की बागडोर संभाली। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम सरकार के 10 वर्ष के कामकाज और अगले 25 साल की रूपरेखा को लेकर जाएंगे।
शाह ने कहा कि 2014 से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत नाजुक थी। मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर थी और राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण से बाहर था। 2004 से 2014 तक औसत मुद्रास्फीति दर 8.2 फीसदी थी और 2010-11 और 2013-14 के बीच दोहरे अंक में थी। 2013-14 में देश की जीडीपी वृद्धि 6.9 फीसदी थी, जबकि आज यह 8.4 फीसदी है।
उन्होंने दस साल में हुए विकास के बारे में भी बताया, कहते हुए कि पीएम मोदी ने इन वर्षों में बहुत सारे परिवर्तन किए हैं। मेट्रो वाले शहर पहले पांच थे,