भारत पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नया बयान सामने आया है। वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “हम अभी भारत से बातचीत कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है।”
उन्होंने भारत को “दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश” बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मित्र हैं, लेकिन व्यापार के मामले में भारत अमेरिका के साथ संतुलित व्यापार नहीं करता क्योंकि भारत का टैरिफ काफी ऊंचा है।
ब्रिक्स को बताया ‘डॉलर विरोधी’ संगठन
ट्रंप ने भारत के ब्रिक्स सदस्य होने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “ब्रिक्स मूल रूप से अमेरिका के खिलाफ देशों का समूह है। वे डॉलर पर हमला कर रहे हैं और हम किसी को भी ऐसा नहीं करने देंगे।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ब्रिक्स देश डॉलर के प्रभुत्व को खत्म करने की कोशिश करते हैं, तो उन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा।
रूसी तेल और हथियार खरीद पर भी जताई नाराज़गी
ट्रंप ने कहा कि भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के चलते उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
भारत का संयमित जवाब: ‘देशहित सर्वोपरि’
भारत सरकार ने ट्रंप की घोषणा के बाद संतुलित प्रतिक्रिया दी। सरकार ने कहा कि भारत ‘नेशन फर्स्ट’ की नीति पर चलता है और देशहित में सभी जरूरी कदम उठाएगा। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब भी अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है।
सरकार के बयान में कहा गया: “हम किसानों, उद्यमियों और MSME सेक्टर के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए भारत सभी जरूरी कदम उठाएगा, जैसा कि हमने ब्रिटेन के साथ व्यापक व्यापार समझौते में किया है।”