अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते की घोषणा हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “ऐतिहासिक” करार देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप का धन्यवाद किया।
प्रधानमंत्री शरीफ ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच स्थायी साझेदारी को मजबूत करेगा और सहयोग के नए रास्ते खोलेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह समझौता ऊर्जा, खनन, खनिज, IT और क्रिप्टोकरेंसी जैसे क्षेत्रों में नई आर्थिक साझेदारी की शुरुआत है।
तेल भंडार पर विशेष ध्यान
अमेरिका और पाकिस्तान अब पाकिस्तान के “विशाल तेल भंडारों” को मिलकर विकसित करेंगे। हालांकि, पाकिस्तान लंबे समय से अपने तेल भंडारों का दावा करता रहा है, लेकिन अब तक कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई थी।
भारत को लेकर ट्रंप का तंज
समझौते की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम उस तेल कंपनी का चयन कर रहे हैं जो साझेदारी का नेतृत्व करेगी… शायद एक दिन भारत को भी तेल बेचे।” यह टिप्पणी भारत पर अप्रत्यक्ष कटाक्ष मानी जा रही है।
वॉशिंगटन में हुई थी बैठक
यह समझौता वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक, और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर के बीच बैठक में संपन्न हुआ।
भारत पर दबाव की रणनीति?
कूटनीतिक हलकों में इसे ट्रंप की ओर से भारत पर रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है, खासकर ऐसे वक्त में जब भारत ने अमेरिकी टैरिफ दबाव के बावजूद अपनी स्वतंत्र कारोबारी नीति पर अडिग रुख अपनाया है।