कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। जेलेंस्की ने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाना बिल्कुल सही कदम है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत और कुछ अन्य देशों की व्यापार नीतियों से यूरोप के उद्योगों और किसानों को नुकसान हो रहा है।
जेलेंस्की यहीं नहीं रुके। उन्होंने यूरोपीय देशों पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि वे यूक्रेन के साथ पूरी मजबूती से खड़े होने का दावा तो करते हैं, लेकिन जब आर्थिक और रणनीतिक सहयोग की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं। उनके अनुसार, यूरोपीय संघ के कई सदस्य देश केवल अपने हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे यूक्रेन की स्थिति और कठिन हो रही है।
जेलेंस्की ने कहा कि भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक रिश्तों से यूरोप के बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। “यदि यूरोप अपने किसानों और उद्योगों को बचाना चाहता है, तो उसे सख्त आर्थिक फैसले लेने होंगे। भारत जैसे देशों के लिए टैरिफ लागू करना इसी दिशा में एक आवश्यक कदम है,” उन्होंने टिप्पणी की।
विशेषज्ञों का मानना है कि जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है, जब यूक्रेन युद्ध के बीच यूरोप और अमेरिका पहले ही आर्थिक दबाव झेल रहे हैं। दूसरी ओर भारत को वैश्विक व्यापार में एक उभरती ताकत माना जा रहा है, और कई यूरोपीय कंपनियां भारत को बड़ा बाजार मानकर निवेश बढ़ा रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जेलेंस्की का यह बयान भारत-यूरोप संबंधों के साथ-साथ यूक्रेन के कूटनीतिक मोर्चे पर भी नई बहस छेड़ सकता है। हालांकि, भारतीय पक्ष की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जेलेंस्की की टिप्पणी को कड़े शब्दों में दिया गया संदेश माना जा रहा है, जो यूक्रेन की बढ़ती बेचैनी और वैश्विक राजनीति में उसकी कठिन स्थिति को दर्शाता है।