मॉस्को। रूस के उपप्रधानमंत्री ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के तेल आयात को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उपप्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत पर किसी भी देश का हुक्म नहीं चलता और यह कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नीति स्वतंत्र रूप से तय करने में सक्षम है।
ट्रंप के बयान पर रूस की प्रतिक्रिया
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था कि अमेरिका की ओर से रूस से तेल खरीदने पर भारत पर दबाव डाला जाना चाहिए। इस पर रूस ने इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों और राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया। रूस के उपप्रधानमंत्री ने कहा, “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और अपनी आर्थिक व ऊर्जा नीतियों को **स्वतंत्र रूप से संचालित करता है। किसी बाहरी शक्ति का दबाव यहां प्रभावी नहीं हो सकता।”
भारत-रूस के संबंध मजबूत
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और रूस के बीच ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक सहयोग दशकों से मजबूत रहा है। रूस का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि दोनों देशों के बीच साझेदारी केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम है।
तेल और ऊर्जा सुरक्षा पर फोकस
रूस ने यह भी कहा कि भारत के तेल आयात और ऊर्जा सुरक्षा निर्णय पूरी तरह से देश की आंतरिक जरूरतों और आर्थिक हितों पर आधारित हैं। अमेरिका के दबावों को नजरअंदाज करते हुए भारत ने रूस से तेल खरीद को जारी रखने का विकल्प चुना है, जिससे देश की ऊर्जा आपूर्ति स्थिर बनी रहे।
वैश्विक राजनीतिक संदेश
इस बयान के माध्यम से रूस ने यह भी संकेत दिया कि वैश्विक ऊर्जा व्यापार में कोई भी राष्ट्र अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सकता है और किसी तीसरे पक्ष द्वारा इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। विश्लेषकों का कहना है कि यह भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक राजनीति में बहुपक्षीय संतुलन को मजबूती देने वाला कदम है।
निष्कर्ष
रूस का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्पष्ट संदेश है कि भारत के निर्णयों में किसी बाहरी देश का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं। साथ ही, यह दोनों देशों के बीच ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग की स्थिरता को भी दर्शाता है।
भारत पर कोई हुक्म नहीं चला सकता: रूस के उपप्रधानमंत्री ने ट्रंप के तेल बयान पर दिया जवाब
