भूटान की मदद के लिए भारत की तरफ से 5 अरब डॉलर की दूसरी किश्त भेजी गई है। इस किश्त की मदद से भूटान में ग्यालसुंग परियोजना से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास होगा। भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला ने भूटान के विदेश मंत्री ल्योनपो डी.एन. धुंगयेल से मुलाकात कर किश्त सौंपी। भूटान में भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस किश्त के साथ ही भारत ने भूटान के साथ हुए समझौते के तहत शाही सरकार के लिए कुल दस अरब रुपये जारी कर दिए हैं। इससे पहले 28 जनवरी 2024 को भी भारत ने भूटान के लिए पांच अरब रुपये की किश्त जारी की थी। भारत और भूटान के बीच जनवरी 2024 में एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इस एमओयू के अनुसार भारत द्वारा भूटान को 15 अरब रुपये की मदद की जाएगी। यह अतिरिक्त मदद भूटान के ग्यालसंग में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दी जा रही है। जनवरी 2023 में भी भारत ने डेसुंग फॉर ग्यालसंग कार्यक्रम के लिए दो अरब रुपये का अनुदान दिया था। भूटान में भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भूटान के साथ साझेदारी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 और 23 मार्च को भूटान की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने थिम्पू को विकास कार्यों में भारत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और उसे अगले पांच साल में 10,000 करोड़ रुपये की सहायता मुहैया करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ थिम्पू में भारत के सहयोग से निर्मित महिलाओं और बच्चों के लिए एक आधुनिक अस्पताल का उद्घाटन भी किया था।