पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अब और अधिक आक्रामक रुख अपना लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया और अब भारत एक “नया युद्ध सिद्धांत” (New War Doctrine) लागू करने की योजना बना रहा है। इस नए सिद्धांत के तहत आतंकी हमला अब देश के खिलाफ ‘युद्ध‘ के रूप में देखा जाएगा, और उसी प्रकार जवाब दिया जाएगा।
यह योजना चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की अगुवाई में तैयार की जा रही है, जिसमें पारंपरिक संयम की बजाय प्रिवेंटिव स्ट्राइक और प्रोएक्टिव डेटेरेंस पर जोर दिया जाएगा।
🔴 भारत के नए युद्ध सिद्धांत की 5 प्रमुख बातें:
- फ्यूचर वॉरफेयर एनालिसिस ग्रुप का गठन
– यह विशेष समूह भविष्य के युद्धों के स्वरूप को समझेगा और भारतीय सेना के लिए रणनीतिक बदलावों की योजना तैयार करेगा। - सेना में प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण
– नई चुनौतियों के मद्देनजर सेना के ट्रेनिंग सिस्टम में सुधार और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन के साथ नई ऑपरेशनल रणनीति लागू की जाएगी। - हमले की शर्तें भारत तय करेगा
– किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी समय-सारिणी और रणनीति के अनुसार देगा। दिन, समय और स्थान भारत तय करेगा, न कि दुश्मन। - आतंकी और उनके सरपरस्त – दोनों होंगे निशाने पर
– आतंकियों को पनाह देने वाली सरकारों को भी अब सीधे तौर पर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पाकिस्तान जैसे देशों को अब “स्पॉन्सर और टेररिस्ट” में फर्क करके नहीं देखा जाएगा। - परमाणु धमकियों से नहीं डरेगा भारत
– पाकिस्तान की बार-बार दी जाने वाली परमाणु धमकियों से भारत प्रभावित नहीं होगा। भारतीय सेना को सभी विकल्प खुले रखने की छूट दी जाएगी, जबकि परमाणु संयम का पालन यथास्थिति रहेगा।
🔍 नई नीति का संदेश क्या है?
यह रणनीति साफ संदेश देती है कि भारत अब आतंकी हमलों का शिकार बनने के बाद जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा, बल्कि हमले से पहले ही रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा। यह रणनीति अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत के सख्त और आत्मनिर्भर सुरक्षा दृष्टिकोण को दर्शाएगी