भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के व्हाट्सएप मैसेजिंग सर्विसेज के उपयोगकर्ताओं का डाटा विज्ञापन उद्देश्य के लिए मेटा से साझा करने पर रोक वाले आदेश के बाद अमेरिकी कंपनी को भारत से कुछ फीचर हटाने पड़ सकते हैं। इससे कंपनी के कारोबार को भी झटका लगेगा।मेटा ने आयोग के पिछले साल नवंबर में आए आदेश पर रोक लगाने के लिए अपील न्यायाधिकरण का रुख किया है। अमेरिकी कंपनी ने 2,000 पन्नों के आवेदन में भारत में अपने कुछ फीचर हटाने की बात रखी है। अपीलीय न्यायाधिकरण बृहस्पतिवार को मेटा की अपील पर सुनवाई करेगा। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पाया कि कंपनी ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया और व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को 2021 की गोपनीयता नीति को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। मेटा ने इससे उपयोगकर्ता डाटा संग्रह और साझाकरण का विस्तार किया और उसे प्रतिद्वंद्वियों पर अनुचित लाभ मिला। आयोग ने 211.65 करोड़ रुपये (2.45 करोड़ डॉलर) का जुर्माना और भारत में डाटा साझा करने की प्रथा पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाया है। व्हाट्सएप ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह मेटा के साथ उपयोगकर्ता का फोन नंबर, लेन-देन डाटा, व्यवसायों के साथ उनके संपर्क और मोबाइल डिवाइस की जानकारी साझा करता है। भारत मेटा के लिए सबसे बड़ा बाजार है। इसके 35 करोड़ से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ता तथा 50 करोड़ से अधिक लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं। सार्वजनिक रूप से, मेटा ने अपने नीति परिवर्तन का बचाव किया और कहा कि वह सीसीआई के आदेश से असहमत है। लेकिन उसकी अपील दाखिल करने की प्रक्रिया ने नियामक की कार्यप्रणाली पर आलोचनात्मक रुख अपनाया है। भारत में विज्ञापन इन्वेंट्री बेचने वाली फेसबुक की पंजीकृत इकाई-फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज ने 2023-24 में 3023 करोड़ रुपये (35 करोड़ डॉलर) का राजस्व दर्ज किया, जो कम से कम पांच वर्षों में सबसे अधिक है।