Friday, October 24, 2025

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भारत-कनाडा संबंधों में फिर दिखी गर्माहट: पीएम मोदी ने कार्नी को नई दिल्ली आने का दिया आमंत्रण

नई दिल्ली। भारत और कनाडा के बीच ठंडे पड़े रिश्तों में एक बार फिर से गर्माहट लौटती दिख रही है। भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को अगले साल की शुरुआत में नई दिल्ली आमंत्रित किया है, जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत होने की संभावना है। कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल के अनुसार, यह पहल दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और मुक्त व्यापार साझेदारी (CEPA) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
भारत में कनाडा के नए उच्चायुक्त दिनेश कुमार पटनायक ने अखबार से बातचीत में कहा कि दोनों देश तनावपूर्ण कूटनीतिक माहौल को पीछे छोड़कर अब “ईमानदारी से रिश्ते सुधारने और व्यापारिक सहयोग बढ़ाने” पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर व्यापक व्यापारिक समझौता हो जाता है, तो भारत-कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंच सकता है।
पटनायक ने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री कार्नी जल्द से जल्द भारत आएं। भारत और कनाडा के बीच ऐसा रिश्ता है, जिसे हम बिगड़ने नहीं देना चाहते।”

दोनों देशों के संबंध वर्ष 2023 में गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मोदी सरकार पर सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और मुक्त व्यापार वार्ता रोक दी गई थी।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने भारतीय एजेंटों पर हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप लगाए थे, जिससे दोनों देशों के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे।
पिछले कुछ महीनों में रिश्तों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। जून में अल्बर्टा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और पीएम कार्नी की अनौपचारिक मुलाकात के बाद संवाद फिर शुरू हुआ।
उच्चायुक्त पटनायक के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भरोसा बहाली और आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता देते हुए उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय चर्चाएं चल रही हैं।
भारत ने पीएम कार्नी को फरवरी में नई दिल्ली में होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन सम्मेलन (AI Summit) में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया है।
पटनायक ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय मुद्दों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश के क्षेत्रों पर गहन चर्चा करना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि कार्नी निमंत्रण स्वीकार करेंगे। अगर फरवरी संभव नहीं है, तो हम मार्च तक कोई समय तय कर लेंगे।”
वर्ष 2024 में भारत-कनाडा का द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 23.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 12.7 अरब डॉलर की वृद्धि दर्शाता है।
पटनायक ने कहा, “यदि मुक्त व्यापार समझौता फिर शुरू होता है, तो यह आंकड़ा आसानी से दोगुना हो सकता है। हम बातचीत को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।”
भारत ने कनाडा को तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज, उर्वरक, प्रसंस्कृत खाद्य और कृषि उत्पादों में सहयोग की पेशकश की है। साथ ही, एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भी साझेदारी की संभावना जताई गई है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल उपभोक्ता है और यहां कनाडा के कैनोला (रेपसीड) तेल को बड़ा बाजार मिल सकता है। यह कनाडा के लिए चीन पर निर्भरता कम करने का अवसर भी होगा, जिसने हाल ही में कैनोला आयात पर प्रतिबंध लगाया है।
हालांकि, पटनायक ने कहा कि इसके लिए भारत में एक “सक्रिय मार्केटिंग अभियान” चलाना होगा, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता आमतौर पर सूरजमुखी, पाम और सरसों तेल को प्राथमिकता देते हैं।

भारत और कनाडा के बीच बढ़ती बातचीत यह संकेत देती है कि दोनों देश अब मतभेदों को पीछे छोड़कर आर्थिक सहयोग, तकनीकी साझेदारी और रणनीतिक भरोसे की नई शुरुआत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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