भारत और नॉर्वे ने मंगलवार को विदेश कार्यालय परामर्श आयोजित किया और नीली अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय उर्जा, जलवायु और पर्यावरण व हरित हाइड्रोजन सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने और विविधता लाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों देशों ने इस साल मार्च में भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (ईएफटीए) पर हस्ताक्षर किए जाने की भी सराहना की और जल्द से जल्द समझौते के क्रियान्वयन में तेजी लाने की उम्मीद जताई, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में और वृद्धि होगी। भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) ने इस साल 10 मार्च को टीईपीए पर हस्ताक्षर किए थे। भारत स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन सहित ईएफटीए देशों के साथ टीईपीए पर काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता में ईएफटीए राज्यों के साथ टीईपीए पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी थी। ईएफटीए अपने चार सदस्य देशों के लाभ के लिए मुक्त व्यापार और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए 1960 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है। 11वें भारत-नॉर्वे विदेश कार्यालय परामर्श में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने किया। वहीं, नॉर्वे के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नॉर्वे के विदेश मंत्रालय के महासचिव टोरगीर लार्सन ने किया। अंतिम एफओसी नवंबर 2022 में ओस्लो में हुआ था।