भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों की सराहना की। साथ ही जोर देकर कहा कि दोनों देशों को सह-विकास पर अधिक मजबूती से काम करके दुनिया के लिए आदर्श बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच केवल जोड़ने वाले संबंध नहीं, बल्कि ‘बहुआयामी संबंध’ होने चाहिए। अमेरिकी राजदूत मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा, ‘जिस तरह से हम एक दूसरे की संस्कृति को समझ रहे हैं, यह जुड़ात्मक संबंध से अधिक है। यह भारत और अमेरिका की बात नहीं है बल्कि यह अमेरिका के समय में भारत का समय है… एक बहुआयामी संबंध।’ उन्होंने आगे प्राचीन भारतीय ग्रंथों का संदर्भ दिया और कहा कि आज जो कुछ पढ़ाया जाता है, वह सदियों पहले भारत में खोजा गया था। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य युद्ध छेड़ना नहीं है। ऋग्वेद में, इंद्र सबसे शक्तिशाली देवता, गड़गड़ाहट के देवता और कई मायनों में युद्ध के देवता भी हैं। हम शक्ति को जानते थे और आप पृथ्वी की उस तरह की मौलिक रचना की शक्ति को महसूस कर सकते हैं जो संघर्ष से बाहर आई थी।’