भारत और अमेरिका सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), महत्वपूर्ण खनिज, उन्नत दूरसंचार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करेंगे। दोनों देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के बीच वार्ता के दौरान लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने का वादा करते हुए सहयोग को करने वाले परिवर्तनकारी पहल की घोषणा की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के बीच विस्तृत बातचीत के बाद यह घोषणा की गई। दोनों ने भारत के 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीद की योजना, सेना के लिए लड़ाकू वाहनों के संयुक्त निर्माण और जीई एयरोस्पेस व हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच लड़ाकू विमानों के इंजन (जीई एफ414) के उत्पादन को लेकर चल रही बातचीत की भी समीक्षा की। सुलिवन भारत के दो दिन के दौरे पर हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बाइडन प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी की यह पहली यात्रा है। डोभाल और सुलिवन की यह वार्ता क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसेट) पर भारत-अमेरिका पहल के ढांचे के तहत हुई। इसमें फोकस यह सुनिश्चित करना था कि प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ समन्वित और पारस्परिक मान्यता के साथ डिजाइन, विकसित और तैनात किया जाए ताकि भविष्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों पक्षों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हालांकि, इसके बारे में तत्काल कुछ पता नहीं चल सका है कि दोनों एनएसए के बीच बातचीत में खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पनू की हत्या की कोशिशों का मुद्दा उठा या नहीं। भारत ने पनू को आतंकी घोषित कर रखा है। वार्ता पर एक तथ्य-पत्र में कहा गया है कि बैठक में, डोभाल और सुलिवन ने भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के अगले अध्याय के लिए दृष्टिकोण निर्धारित किया। बातचीत में उठे अन्य बड़े मुद्दों में प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने वाले ग्लोबल चैलेंज इंस्टीट्यूट के लिए 9 करोड़ डॉलर (751.67 करोड़ रुपये) की फंडिंग, 6जी प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने की पहल और भारत और अमेरिका में बड़े पैमाने पर ओपन आरएएन की तैनाती की दिशा में संयुक्त कार्य शामिल हैं।