Friday, November 21, 2025

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भारत-ऑस्ट्रेलिया रिश्तों में नई उड़ान: फिलिप ग्रीन ने खेल, खनिज और रणनीति में बड़े सहयोग की तैयारी का ऐलान किया

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की नई ऊँचाइयों की ओर संकेत देते हुए कहा है कि दोनों देश भविष्य में खेल, खनिज और रणनीतिक क्षेत्रों में गहरा और बहुमुखी सहयोग करने की तैयारियों में हैं। उनका यह बयान बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, विशेष रूप से ग्रीन एनर्जी, सुरक्षा और मानव संसाधन क्षेत्रों में।

खेल क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी

फिलिप ग्रीन ने बताया कि खेल अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि व्यवसाय और रणनीति का एक बड़ा आयाम बन गया है। उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेल विज्ञान, स्पोर्ट्स मेडिसिन, एथलीट ट्रेनिंग और कोचिंग के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया। उनके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाड़ियों और कोचों का आपसी आदान-प्रदान बढ़ाने की योजना है — विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई खेल संस्थानों में प्रशिक्षण के ज़रिए।

यह दिशा पहले ही मूर्त रूप ले चुकी है: गांधीनगर (गुजरात) में GIFT सिटी में आयोजित ऑस्ट्रेलिया-भारत स्पोर्ट्स एक्सीलेंस फोरम इसी रणनीति का एक महत्वपूर्ण चरण है।

ग्रीन ने कहा,

“भारत एक महान खेल राष्ट्र है, जिसकी प्राचीन खेल परंपरा आज भी जीवित है। ऑस्ट्रेलिया इस यात्रा में भारत को बहुत कुछ देना चाहता है।”

खनिज सहयोग की दिशा में गहरी साझेदारी

खनिज क्षेत्र में, ग्रीन ने विशेष रूप से लिथियम और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग बढ़ाने की योजना का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया में इन “क्रांतिकारी खनिजों” का प्रमुख उत्पादक देश है और भारत की EV (इलेक्ट्रिक वाहन) एवं बैटरी निर्माण योजनाओं में उसकी भूमिका बढ़ सकती है।

ग्रीन ने यह भी बताया कि दोनों सरकारें इन खनिजों के उत्पादन, आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चैन) और निजी निवेश के लिए पांच बड़े प्रोजेक्ट चिन्हित कर रही हैं, जिससे भारत-ऑस्ट्रेलिया खनिज सहयोग को नई गति मिलेगी।

रणनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग में मजबूती

रणनीतिक दृष्टि से, ग्रीन ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए एक “अनिवार्य साथी” (indispensable partner) बन गया है, खासकर इंडो-प्रशांत क्षेत्र में Quad (क्वाड) के ढांचे के भीतर। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि दोनों देश समुद्री सुरक्षा, कूटनीतिक तालमेल और आपातकालीन क्षमताओं (जैसे सामूहिक प्रशिक्षण) पर सहयोग को और गहरा करना चाहते हैं।

ग्रीन ने यह भी उम्मीद जताई है कि अगली फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की वार्ता “व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को और समृद्ध” करेगी।

मानव संसाधन और स्किल ट्रेनिंग में सहयोग

गृह्तृष्टि (vision) में यह भी शामिल है कि ऑस्ट्रेलिया भारत को स्किल ट्रेनिंग में मदद करे। ग्रीन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की स्किल-प्रशिक्षण प्रणाली बहुत प्रतिस्पर्धात्मक है और उसे भारत की बढ़ती श्रम शक्ति की मांग के अनुरूप साझेदारी में संवहन (synergy) मिल सकती है। उन्होंने यह लक्ष्य रखा है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में साझा प्रशिक्षण मॉडल बनाए जाएँ।

भू-राजनीतिक संकेत और साझेदारी का महत्व

फिलिप ग्रीन ने यह भी जोर दिया है कि बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में भारत-ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी दोनों देशों के लिए स्थिरता और भरोसे का स्रोत है। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों के बीच “विश्वसनीय सहयोग” (strategic trust) बना हुआ है और वे एक दूसरे को लंबे समय तक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखते हैं।

निष्कर्ष:
फिलिप ग्रीन के इन बयानों से साफ झलकता है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध अब सिर्फ आर्थिक सहयोग या खेल आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रह गए हैं — यह साझेदारी रणनीतिक, भू-राजनीतिक और भविष्य-उन्मुख ऊर्जा संसाधनों के क्षेत्र में गहरी और व्यापक हो रही है। दोनों मित्र राष्ट्र मिलकर एक समृद्ध, हरित और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

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