भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर चल रही चर्चाएँ अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी हैं। वार्ता के इस महत्वपूर्ण दौर के लिए यूरोपीय संघ के 40 सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली पहुंचकर भारत के वाणिज्य मंत्रालय और संबंधित विभागों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद 11 अध्यायों पर प्रारंभिक सहमति बनने की पुष्टि हुई है, जिससे इस समझौते के जल्द अंतिम रूप लेने की उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिन अध्यायों पर सहमति बनी है, उनमें वस्तु व्यापार, सेवा क्षेत्र, बौद्धिक संपदा अधिकार, निवेश सुविधा, पारदर्शिता और व्यापार संबंधी तकनीकी बाधाओं से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। इन मुद्दों पर दोनों पक्षों ने व्यापक चर्चा के बाद साझा समझ विकसित की है। बताया जा रहा है कि शेष अध्यायों पर भी तेजी से बातचीत आगे बढ़ रही है, जिन्हें लेकर दोनों पक्ष समाधान खोजने के करीब हैं।
भारत–ईयू एफटीए को दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला समझौता माना जा रहा है। वर्तमान में यूरोपीय संघ भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और एफटीए के लागू होने से निर्यात एवं निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। विशेष रूप से भारतीय वस्त्र, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना–प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को इससे बड़ा लाभ मिल सकता है।
यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि अब वार्ता अंतिम चरण में मानी जा रही है। दोनों पक्षों ने संकेत दिए हैं कि वे अनसुलझे मुद्दों को जल्द ही निष्पादन योग्य समाधान के साथ आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। यदि आगामी दौर की चर्चाएँ भी इसी रफ्तार से आगे बढ़ती रहीं, तो निकट भविष्य में भारत–ईयू एफटीए पर एक व्यापक और संतुलित समझौता होने का रास्ता साफ हो सकता है।
कुल मिलाकर, यह दौरा भारत–ईयू आर्थिक संबंधों में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, जिससे दोनों पक्षों के व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा मिलने की संभावना है।





