भारत और इस्राइल के मध्य मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर बड़े स्तर पर पहल शुरू हो गई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रस्तावित एफटीए दोनों देशों की साझा आर्थिक समृद्धि के लिए एक मज़बूत आधार (स्टेपिंग स्टोन) सिद्ध होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि इससे व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग के नए अवसर खुलेंगे।
गोयल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने इस्राइल के अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर बरकात के साथ एफटीए वार्ता के संदर्भ-शर्तों (Terms of Reference) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे वार्ता प्रक्रिया की शुरुआत का बेहद महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।
उन्होंने लिखा कि यह सहयोग “संतुलित, व्यापक और परस्पर लाभकारी एफटीए” के लक्ष्य की ओर एक निर्णायक कदम है, जिससे भारत-इस्राइल की आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी और मज़बूत होगी।
पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि बड़ी संख्या में प्रशिक्षित भारतीय युवा इस्राइल के शहरी विकास और मेट्रो नेटवर्क विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से तेल अवीव में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भारतीय कौशल शक्ति की बढ़ती मांग का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि दोनों देश उन क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं जहां मिलकर काम करने से बड़े पैमाने पर आर्थिक अवसर पैदा होंगे—जैसे हाई-टेक इंडस्ट्री, साइबर सुरक्षा, एग्री-टेक, वॉटर मैनेजमेंट और रक्षा सहयोग।
भारत और इस्राइल का साझा लक्ष्य है कि द्विपक्षीय व्यापार को विविधता प्रदान करते हुए उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए। गोयल ने कहा:
“हम एक-दूसरे की क्षमताओं और आवश्यकताओं के अनुरूप ऐसा परिणाम हासिल करना चाहते हैं, जिससे सहयोग दोनों देशों के लिए समान रूप से लाभकारी हो।”





