भारत और अमेरिका के बीच दिन-ब-दिन संबंध काफी गहरे होते जा रहे हैं। वॉशिंगटन में चल रही राष्ट्रपति के सत्ता हस्तांतरण के बीच एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी रक्षा नेता ने कहा कि सुरक्षा एवं रक्षा पर द्विदलीय समर्थन और सहयोग भारत-अमेरिका साझेदारी का सबसे अहम आयाम है।जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी डॉ. विवेक लाल ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारियों में से एक भारत और अमेरिका की है। इस गठबंधन का सबसे महत्वपूर्ण आयाम सुरक्षा और रक्षा में द्विदलीय समर्थन और सहयोग है।जून 2016 में दुनिया के सबसे बड़े मानवरहित सौदे की वकालत तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी और इस साल उनके उत्तराधिकारी जो बाइडन ने इसे अंजाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह इस संबंध के रक्षा और सुरक्षा पहलुओं के द्विदलीय समर्थन का प्रतिबिंब है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘बड़े, जीवंत लोकतंत्रों की राजधानियों के रूप में, वाशिंगटन और नई दिल्ली स्वाभाविक साझेदार हैं। साथ ही दुनिया भर में शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए समान रूप से कई लक्ष्य साझा करते हैं।’
अक्तूबर में, लाल को तीन अरब डॉलर से अधिक के एक बड़े ड्रोन सौदे सहित भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में डिस्टिंग्विश्ड विजिटिंग फेलो नियुक्त किया गया था।
भारत को मिल रहा चीन और पाकिस्तान का ‘काल’
भारत को अमेरिका से एमक्यू9बी यानी प्रीडेटर ड्रोन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दोनों देशों की सरकारों ने 34,500 करोड़ रुपये की डील पर साइन कर दिए हैं। ये ड्रोन अमेरिका की कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाए हैं। लाल ने कहा, ‘दोनों देश पहले ही कई तरीकों से एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं और इस काम की गुंजाइश तब बढ़ेगी जब हम जनरल एटॉमिक्स के एमक्यू-9बी स्काईगार्डियन और सी गार्डियन के लिए अमेरिका और भारत के बीच हाल ही में घोषित अनुबंध को आगे बढ़ाएंगे और यह रणनीतिक क्षमता भारत की सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी।’