Tuesday, July 1, 2025

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भारत-अमेरिका संबंधों को चीन की नजर से देखना बेहद भ्रामक

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर चीन के नजरिये के बारे में स्पष्ट जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों को चीन की नजर से देखना बेहद सरलीकरण और भ्रामक है। हमारे संबंधों में कई और भी चीजें हैं।  मैनहट्टन में 9/11 स्मारक के पास वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में न्यूजवीक के मुख्यालय में न्यूजवीक के सीईओ देव प्रसाद के साथ बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि वे भारत अमेरिका संबंधों को लेकर चीन के रुख के बारे में क्या सोचते हैं? इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि चीन के नजरिये से भारत-अमेरिका को जोड़ना बहुत बड़ा सरलीकरण है। यह कई बार भ्रामक भी है। भारत-अमेरिका संबंध कई अन्य चीजों से भी जुड़े हैं। जैसे अमेरिका में विशाल भारतीय समुदाय, जो यहां में महत्वपूर्ण योगदान देता है।उन्होंने कहा कि यह गेम चेंजर साबित होगा। इसका चीन से कोई लेना-देना नहीं है। वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच बहुत मजबूत आर्थिक संबंध हैं। हमारे व्यापार के आंकड़ों को देखें और उस व्यापार की हमारी संबंधित अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रासंगिकता को देखें। हमारे प्रौद्योगिकी संपर्क को देखें। हम वैश्विक शिपिंग के लिए अरब सागर को सुरक्षित रखने के लिए काम करते हैं।

जयशंकर ने कहा कि यह तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का युग है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इसमें न पड़ें। मुझे लगता है कि दुनिया बहुत अधिक छोटी है। यह बहुत अधिक बहु-कारण वाली है। हमारे पास सिर्फ एक देश से ज्यादा कई हित हैं। मैं निश्चित रूप से यह मानना चाहूंगा कि रिश्ते अच्छे चल रहे हैं क्योंकि हमारे अंदर बहुत योग्यता है। इस परिदृश्य की कुछ वास्तविकताएं हैं और उनमें से एक यह है कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध पहले जैसे नहीं रहे, बल्कि अब उनमें प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त आ गई है।

विदेश मंत्री ने कहा कि जहां तक हमारा सवाल है, हम इन दोनों देशों को देखते हैं। उनमें से प्रत्येक ने इस बारे में अपना मन बना लिया है कि वे दूसरे को किस तरह देखते हैं। जाहिर है, इसमें रणनीति का तत्व भी होगा। उनके पास एक दूसरे के बारे में एक बड़ा रणनीतिक दृष्टिकोण है। हम पूरी ईमानदारी से यह देखना चाहते हैं कि इन सबके बीच हमारे हितों को किस तरह आगे बढ़ाया जा रहा है?

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कई मायनों में आप देख सकते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं। साथ ही हम चीन के सबसे बड़े पड़ोसी हैं। हम एक भूमि सीमा साझा करते हैं। हम चीन के साथ स्थिर संबंध चाहते हैं। बीजिंग एक बहुत बड़ा व्यापार साझेदार भी है, भले ही यह एक असंतुलित व्यापार है।

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