Friday, December 19, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

भाजपा ने बंगाल के लिए बदली रणनीति; बूथ, वोट अंतर और डाटा पर नया दांव

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए बूथ स्तर कार्य, वोट अंतर विश्लेषण और डाटा एनालिटिक्स पर जोर दिया है, जो 2026 विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को चुनौती देने का नया हथियार साबित हो सकता है। केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में लिए गए इस फैसले के तहत राज्य इकाई को 42,000 बूथों पर 1-1 लाख कार्यकर्ताओं की तैनाती का लक्ष्य दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिए कि 2021 चुनाव के वोट अंतर को आधार बनाकर कमजोर क्षेत्रों पर फोकस किया जाए।

पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 77 सीटें मिली थीं, लेकिन वोट शेयर में टीएमसी से केवल 3-4 प्रतिशत का अंतर था। नई रणनीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डाटा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा, जो प्रत्येक बूथ पर मतदाता व्यवहार, जातिगत समीकरण और शिफ्टिंग वोट्स का विश्लेषण करेगा। पार्टी ने बंगाल के 294 विधानसभा क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटा है- मजबूत (138), प्रतिस्पर्धी (100) और कमजोर (56), जहां डोर-टू-डोर सर्वे और डिजिटल कैंपेन तेज होंगे। सूत्रों के अनुसार, अमित मालवीय और सुवendu अधिकारी जैसे नेता इस अभियान की कमान संभालेंगे।

यह बदलाव टीएमसी के कथित भ्रष्टाचार, कटेगरी घोटाले और सिंडिकेट राज के खिलाफ आक्रामक प्रचार का हिस्सा है। भाजपा ने बूथ प्रेजिडेंट्स को प्रशिक्षण देने और ‘पन्ना प्रभारी’ मॉडल अपनाने का फैसला लिया है, जो उत्तर प्रदेश चुनावों से प्रेरित है। नड्डा ने कहा कि ‘डाटा ही नया हथियार है, जो वोट अंतर को पाटेगा’। पार्टी ने बंगाल में 1 करोड़ नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा है, खासकर मुस्लिम और अनुसूचित जाति मतदाताओं पर फोकस करते हुए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीति टीएमसी की सत्ता को हिला सकती है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 12 सीटें जीती थीं। ममता बनर्जी ने इसे ‘बाहरी साजिश’ बताकर निशाना साधा, लेकिन भाजपा ने पलटवार किया कि बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है। अभियान अगले महीने से जोर-शोर से शुरू होगा।

Popular Articles