केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें शाह ने कहा था कि राज्य में बीजेपी को जनता का समर्थन तेजी से बढ़ रहा है और निकट भविष्य में पार्टी यहां सत्ता में आएगी। मुख्यमंत्री विजयन ने पलटवार करते हुए कहा कि “अगर भाजपा और आरएसएस को केरल में प्रमुखता मिली, तो राज्य अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान खो देगा।”
मुख्यमंत्री ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केरल की ताकत उसकी बहुलता, सहिष्णुता और प्रगतिशील विचारधारा में है। “यहां समाज न्याय, शिक्षा, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समानता की मजबूत नींव पर खड़ा है। बीजेपी और आरएसएस की राजनीति इन मूल्यों के खिलाफ है,” उन्होंने कहा।
‘केरल किसी एक विचारधारा से संचालित नहीं हो सकता’
विजयन ने कहा कि केरल की जनता साम्प्रदायिक विभाजन को कभी स्वीकार नहीं करेगी। “यह राज्य लंबे संघर्षों के बाद सामाजिक सुधार और जनजागरण की राह पर आगे बढ़ा है। भाजपा-आरएसएस की विचारधारा इस यात्रा को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। अगर उन्हें यहां प्रमुखता मिली, तो केरल की विशिष्ट पहचान और सामुदायिक सौहार्द खतरे में पड़ जाएगा,” उन्होंने कहा।
अमित शाह ने किया था दावा
गौरतलब है कि रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने तिरुवनंतपुरम में आयोजित एक रैली में कहा था कि “केरल में लोग वामपंथी सरकार से ऊब चुके हैं और भाजपा के प्रति उनका विश्वास बढ़ रहा है।” उन्होंने दावा किया था कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य में बड़ा प्रदर्शन करेगी।
‘भाजपा सिर्फ नफरत की राजनीति करती है’
विजयन ने कहा कि भाजपा का राजनीतिक एजेंडा समाज को बांटने और ध्रुवीकरण करने पर आधारित है। “केरल की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं में विश्वास रखती है। यहां लोगों की एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। भाजपा के लिए यह स्वीकार करना मुश्किल है कि केरल में नफरत की राजनीति को जगह नहीं मिल सकती,” उन्होंने कहा।
वाम सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा, “हमने हर वर्ग के लिए योजनाएं चलाई हैं — चाहे वह किसान हों, मजदूर हों या छात्र। केरल की विकास यात्रा सामूहिक प्रयासों पर आधारित है, किसी राजनीतिक संगठन की सोच पर नहीं।”
अमित शाह के बयान और मुख्यमंत्री विजयन की प्रतिक्रिया के बाद राज्य का राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने भी भाजपा पर “राज्य की सामाजिक संरचना से खिलवाड़” करने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से स्पष्ट है कि वाम सरकार भाजपा के बढ़ते प्रभाव से घबराई हुई है।
मुख्यमंत्री विजयन ने अंत में कहा कि “केरल का भविष्य धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और प्रगतिशील विचारों में है। जो ताकतें इस भावना को कमजोर करने की कोशिश करेंगी, जनता उन्हें जवाब देगी।”