अब छह माह तक खरसाली में होंगे मां यमुना के दर्शन, गंगोत्री धाम में भी मां गंगा की डोली पहुंची मुखबा
यमुनोत्री (उत्तरकाशी)। भाई दूज के पावन पर्व पर गुरुवार को मां यमुना मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम की शीतकालीन पूजा व्यवस्थाएं अब पारंपरिक रूप से खरसाली गांव में संचालित होंगी। अगले छह माह तक श्रद्धालु खरसाली स्थित मंदिर परिसर में मां यमुना की उत्सव डोली के दर्शन कर सकेंगे।
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, सचिव सुनील उनियाल और कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि मां यमुना मंदिर के कपाट दोपहर 12:30 बजे विशेष पूजन-अर्चना के बाद विधिवत बंद किए गए। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।
शनिदेव की डोली पहुंची धाम
कपाट बंद होने से पूर्व परंपरानुसार सुबह करीब 8 बजे खरसाली गांव से शनिदेव महाराज की डोली वाद्य यंत्रों और जयघोषों के बीच यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। धाम पहुंचकर शनिदेव महाराज की डोली को यमुना नदी में स्नान कराया गया। इसके बाद भाई-बहन के इस पवित्र मिलन के प्रतीकात्मक क्षण में शनिदेव ने अपनी बहन मां यमुना के साथ कपाट बंद होने से पहले आयोजित विशेष पूजन-अर्चना में सहभागिता की।
पूजन के उपरांत मंदिर के कपाट दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास के लिए खरसाली गांव रवाना हुई, जहां गांव के मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद देवी यमुना विराजमान होंगी।
अब आगामी छह माह तक श्रद्धालु खरसाली मंदिर परिसर में ही मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। कपाट बंद होने के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने जयकारों और भक्ति संगीत के बीच पूजन-अर्चना में भाग लिया।
मां गंगा भी पहुंचीं मुखबा धाम
वहीं, गंगोत्री धाम में अन्नकूट पर्व के अवसर पर अभिजीत मुहूर्त (पूर्वाह्न 11:36 बजे) मां गंगा मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए विधिविधानपूर्वक बंद किए गए। अब मां गंगा की उत्सव डोली और भोगमूर्ति आगामी छह माह तक उनके शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव में विराजमान रहेंगी।
इस वर्ष गंगोत्री धाम में 7,58,249 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। चारधाम यात्रा के इस समापन पर्व पर यमुनोत्री और गंगोत्री दोनों ही धामों में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।
भाई दूज पर बंद हुए मां यमुना मंदिर के कपाट, खरसाली में विराजेंगी देवी यमुना — शनिदेव की डोली धाम पहुंची, पूजन-अर्चना के साथ सम्पन्न हुई विधि-विधान प्रक्रिया
