प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे। मोदी द्विपक्षीय यात्रा पर ब्रुनेई आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 11वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रुनेई गए थे। प्रधानमंत्री मोदी का हवाई अड्डे पर शहजादे अल-मुहतदी बिल्लाह ने स्वागत किया। मोदी को हवाई अड्डे पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी प्रदान किया गया। मोदी बुधवार को ब्रुनेई से सिंगापुर जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में भारतीय समुदाय के लोगों की भूमिका और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की। बयान के मुताबिक, ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं।पीएम मोदी मोदी ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी गए, जिसे वर्तमान सुल्तान के पिता ने बनवाया था। उन्होंने भारतीय उच्चायोग में नए ‘चांसरी’ परिसर का भी उद्घाटन किया। दोनों जगहों पर उन्होंने भारतीय प्रवासियों से बातचीत की। धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज अवांग बदरुद्दीन ने मस्जिद में प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मोदी ने मस्जिद के इतिहास को दर्शाने वाला एक वीडियो भी देखा। मस्जिद का नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय (वर्तमान सुल्तान के पिता, जिन्होंने इसका निर्माण भी शुरू कराया था) के नाम पर रखा गया है और इसका निर्माण 1958 में पूरा हुआ था।