Thursday, October 23, 2025

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ब्रिटेन: भारतीय मूल के सुनील अमृत ने ‘द बर्निंग अर्थ’ के लिए जीता ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार लंदन | एजेंसी

भारतीय मूल के लेखक सुनील अमृत को ब्रिटिश साहित्य जगत में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें उनकी पुस्तक ‘द बर्निंग अर्थ’ के लिए प्रतिष्ठित ब्रिटिश अकादमी पुस्तक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार ब्रिटेन में उन लेखकों को दिया जाता है जिन्होंने साहित्य और सामाजिक विचारधारा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।
‘द बर्निंग अर्थ’ क्यों खास है
सुनील अमृत की किताब ‘द बर्निंग अर्थ’ में जलवायु परिवर्तन, सामाजिक असमानता और पर्यावरणीय संकट पर केंद्रित गहन शोध प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में वैज्ञानिक तथ्यों के साथ साहित्यिक दृष्टिकोण का समावेश है, जिससे यह न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूक करती है बल्कि पाठकों को सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित भी करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमृत ने पुस्तक में वैश्विक जलवायु संकट और मानव जीवन पर इसके प्रभावों को बड़े ही स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक वैज्ञानिक अनुसंधान और सामाजिक चेतना का अद्भुत मिश्रण है।
पुरस्कार समारोह और प्रतिक्रिया
ब्रिटिश अकादमी द्वारा आयोजित समारोह में अमृत को पुरस्कार और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेताओं के चयन में साहित्यिक उत्कृष्टता, शोध की गहनता और सामाजिक प्रभाव को मुख्य मानदंड माना जाता है।
पुरस्कार जीतने के बाद सुनील अमृत ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है जो जलवायु और पर्यावरण की रक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी पुस्तकों और शोध के माध्यम से लोग इस दिशा में कदम बढ़ाएं।”
भारतीय साहित्य और विश्व मंच
भारतीय मूल के लेखकों का ब्रिटिश साहित्य और वैश्विक मंच पर मान बढ़ता जा रहा है। अमृत की यह जीत भारतीय लेखक और शोधकर्ताओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित होगी। उनका काम न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों पर सामाजिक चेतना फैलाने का माध्यम भी बन रहा है।
‘द बर्निंग अर्थ’ को पाठक और समीक्षक दोनों की ओर से समीक्षा में उच्च अंक मिले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पुस्तक ने साहित्य और विज्ञान के बीच का सेतु स्थापित किया है।

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