प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की शुक्रवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में मुलाकात हुई। शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। दोनों नेता बिम्सटेक सम्मेलन से इतर मिले। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे। बीते साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। उसके बाद से मोहम्मद यूनुस ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि मोहम्मद यूनुस का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा है और उनके कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ीं। इसके चलते भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में भी खटास आई है। बीते हफ्ते ही चीन के दौरे पर मोहम्मद यूनुस ने भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आई है। दरअसल मोहम्मद यूनुस ने चीन दौरे पर चीन की सरकार से बांग्लादेश में निवेश बढ़ाने की अपील की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत के उत्तर पूर्वी राज्य चारों तरफ जमीन से घिरे हैं और उनके पास समुद्र तक पहुंच नहीं है। ऐसे में ये चीन के लिए अवसर हो सकता है। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि क्षेत्र में बांग्लादेश ही ऐसी ताकत है, जिसके पास समुद्री पहुंच है। हालांकि मोहम्मद यूनुस का यह बयान भारत को नाराज कर गया और इसे लेकर आधिकारिक चैनल से भारत ने नाराजगी भी जाहिर की है। प्रधानमंत्री मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड दौरे पर हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी म्यांमार के सैन्य शासक मिन आंग ह्लेइंग से भी मुलाकात की और उन्हें भूकंप से राहत और बचाव कार्यों में हरसंभव मदद देने की पेशकश की।