देहरादून। राजधानी समेत पूरे उत्तराखंड में इस बार नवंबर का महीना रिकॉर्ड तोड़ गर्मी लेकर आया है। बीते 10 वर्षों में नवंबर का तापमान इतना ऊंचा पहले कभी नहीं दर्ज किया गया। दिन के तापमान में सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी ने सर्दी की आहट को फिलहाल दूर कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले छह दिन तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और गर्मी का यह असर फिलहाल जारी रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, इस वर्ष नवंबर में औसत अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जो सामान्य से करीब 4 डिग्री अधिक है। 2014 के बाद पहली बार तापमान ने इतना ऊंचा स्तर छुआ है। दिन में चिलचिलाती धूप और रात में हल्की ठंड का मिश्रण लोगों को नवंबर में भी गर्मियों जैसा एहसास करा रहा है।
मौसम विभाग के निदेशक ने बताया कि अगले छह दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कहीं भी वर्षा की संभावना नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने और उत्तर-पश्चिमी हवाओं की अनुपस्थिति के कारण पहाड़ों से ठंडी हवा नहीं आ पा रही है। इस वजह से मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस असामान्य गर्मी का असर रबी फसलों की बुवाई पर भी पड़ सकता है। गेहूं और सरसों जैसी फसलों के लिए ठंडा तापमान जरूरी होता है, लेकिन दिन का बढ़ता पारा उनकी अंकुरण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। वहीं, पर्यावरणविदों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में यह गड़बड़ी अब लगातार देखने को मिल रही है।
राजधानी देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी और ऊधमसिंह नगर क्षेत्रों में लोग नवंबर में भी पंखे और कूलर चला रहे हैं। सुबह-सुबह हल्की ठंड जरूर महसूस होती है, लेकिन दोपहर होते-होते धूप चुभने लगती है। इससे ठंड के कपड़ों की बिक्री पर भी असर पड़ा है।
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले छह दिन राज्यभर में मौसम शुष्क और साफ रहेगा। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के असर से हल्की ठंड बढ़ सकती है, लेकिन फिलहाल सर्दी लौटने के कोई संकेत नहीं हैं।





