नई दिल्ली, 5 नवम्बर — देश में बीड़ी पीने से जुड़ी एक नई स्वास्थ्य समस्या सामने आई है। चिकित्सकों का कहना है कि लंबे समय तक बीड़ी पीने वाले पुरुषों में एक दुर्लभ बीमारी तेजी से पनप रही है, जिससे शरीर की रक्त वाहिकाएं सख्त होकर अवरुद्ध हो जाती हैं। इस कारण पैरों में रक्त का प्रवाह रुक जाता है और मरीज चलने-फिरने में असमर्थ हो जाते हैं।
दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित 48 वर्षीय व्यक्ति का देश में पहली बार एक अनोखा इलाज किया गया है। डॉक्टरों ने मरीज के आंतों की झिल्ली (इंटेस्टाइनल मेम्ब्रेन) से बनी टनल के माध्यम से नई रक्त वाहिका तैयार की और उसे पैरों में प्रत्यारोपित किया। इस जटिल सर्जरी के बाद मरीज के पैरों में फिर से रक्त प्रवाह शुरू हो गया और अब वह सामान्य रूप से चल पा रहा है।
अस्पताल के वरिष्ठ वैस्कुलर सर्जन डॉ. (नाम) ने बताया कि यह बीमारी मुख्यतः उन लोगों में देखी जा रही है जो लंबे समय से बीड़ी या सिगरेट पीते हैं। लगातार निकोटिन सेवन से रक्त वाहिकाओं की दीवारें पतली होकर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है और धीरे-धीरे ऊतक (टिश्यू) सड़ने लगते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी का समय पर उपचार न होने पर अंग विच्छेदन (एम्प्यूटेशन) तक की नौबत आ सकती है। इसलिए बीड़ी या तंबाकू उत्पादों का सेवन छोड़ना ही इसका सबसे प्रभावी उपाय है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि युवाओं में बीड़ी और तंबाकू सेवन के बढ़ते चलन के कारण आने वाले वर्षों में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि यह मामला देश में एक चिकित्सा उपलब्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य चेतावनी भी है—कि एक सस्ती लत, बीड़ी, कैसे जीवनभर की पीड़ा में बदल सकती है।





