पटना।
बिहार की राजनीति में नया समीकरण बन गया है। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की। तीनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह गठबंधन उन आवाजों को ताकत देने के लिए बना है जिन्हें अब तक सत्ता की राजनीति ने अनसुना किया।
ओवैसी ने कहा कि यह गठबंधन “समान प्रतिनिधित्व, सामाजिक न्याय और वंचित समाज के सशक्तिकरण” के एजेंडे पर काम करेगा। उन्होंने कहा, “हम बिहार में नई राजनीतिक सोच लेकर आए हैं। यह गठबंधन गरीब, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और युवाओं की आवाज बनेगा।”
तीनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनका गठबंधन न तो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा होगा और न ही मौजूदा विपक्ष के साथ जाएगा। ओवैसी ने कहा, “बिहार की जनता अब पारंपरिक दो ध्रुवीय राजनीति से तंग आ चुकी है। हम उन्हें तीसरा, मजबूत और ईमानदार विकल्प देंगे।”
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यह गठबंधन समानता, शिक्षा, रोजगार और सम्मान के मुद्दों पर जनता के बीच जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में लंबे समय से सामाजिक न्याय की बातें तो होती रही हैं, लेकिन उसका लाभ वास्तविक रूप से समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाया है।
पूर्व मंत्री और मौर्य समाज पार्टी के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाज को बांटने और वोट की राजनीति करने वालों के खिलाफ अब सामाजिक एकता की ताकत उतरेगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन है।”
इस गठबंधन की घोषणा के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह गठबंधन जमीनी स्तर पर संगठन खड़ा करने में सफल हुआ, तो वह कई सीटों पर पारंपरिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
सूत्रों के अनुसार, तीनों दल आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द औपचारिक बैठक करेंगे। फिलहाल यह तय हुआ है कि गठबंधन का साझा घोषणापत्र अगले महीने पटना में जारी किया जाएगा।
राज्य की राजनीति में यह गठबंधन सामाजिक न्याय के नए नारे और हाशिए के वर्गों की एकजुटता की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है — जो आने वाले चुनावों में बड़े बदलाव की भूमिका निभा सकता है।