संसद के मानसून सत्र के दौरान बिहार में चल रहे मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों ने मंगलवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार पर प्रदर्शन करते हुए इसे “वोट की चोरी” और “चुनाव की निष्पक्षता पर हमला” बताया।
प्रदर्शन के दौरान सांसदों के हाथों में “एसआईआर: भारतीय अधिकारों की चोरी” और “एसआईआर: भारतीय गणराज्य को नुकसान पहुंचाना” जैसे नारे लिखी तख्तियां थीं।
कई प्रमुख दलों के सांसद हुए शामिल
इस विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, डीएमके, सपा, झामुमो और अन्य दलों के सांसद शामिल हुए। प्रदर्शन से पहले INDIA गठबंधन के नेताओं की बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे।
प्रधानमंत्री से सदन में जवाब देने की मांग
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि विपक्षी दलों ने एकजुट होकर निर्णय लिया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद में उपस्थिति और महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनका जवाब मांगेंगे।
विपक्ष ने जिन मुद्दों पर जवाब माँगा है उनमें शामिल हैं:
- बिहार की एसआईआर प्रक्रिया
- पहलगाम आतंकी हमला
- ऑपरेशन सिंदूर
- भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पर डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी
- परिसीमन
- दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार
- एआई 171 विमान दुर्घटना
- मणिपुर में जारी अस्थिरता और गृह युद्ध जैसे हालात
राहुल गांधी को बोलने की अनुमति देने की मांग
विपक्षी दलों ने इस बात पर भी जोर दिया कि राहुल गांधी को संसद में बोलने की अनुमति दी जाए। INDIA गठबंधन ने तय किया है कि वह संसद के दोनों सदनों में एसआईआर को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करेगा।