देहरादून — उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली चोरी के खिलाफ अभियान को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए विजिलेंस टीमों के साथ 16 पीआरडी जवानों की तैनाती को मंजूरी दी है। तैनाती गढ़वाल एवं कुमाऊं जोन में 8–8 जवानों के साथ की जाएगी।
मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार, यह तैनाती 11 महीने की अवधि के लिए होगी, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। जवानों को केवल विजिलेंस यूनिट्स में ही नियुक्त किया जाएगा और उन्हें अन्य विभागीय कार्यों में नहीं लगाया जाएगा। दोनों जोनों में तीन पद महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए हैं, ताकि विशेष परिस्थितियों में जांच के दौरान संवेदनशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह निर्णय हाल के महीनों में विजिलेंस टीमों पर बढ़ते हमलों को देखते हुए लिया गया है। चोरी पकड़ने के दौरान छापेमारी टीमों के साथ कई स्थानों पर बदसलूकी और हमले की घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें इंजीनियरों और कार्मिकों को चोटें भी आईं। निगम प्रबंधन द्वारा सुरक्षा बल की मांग लंबे समय से उठाई जा रही थी।
ऊर्जा निगम के अनुसार, बिजली चोरी से हर वर्ष भारी आर्थिक नुकसान होता है। चोरी में कमी आने पर राजस्व बढ़ता है, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलता है और राज्य की बिजली व्यवस्था भी मजबूत होती है।
पीआरडी जवानों की तैनाती से विजिलेंस टीमें अब अधिक सुरक्षा और आत्मविश्वास के साथ छापेमारी कर सकेंगी। विभाग का मानना है कि यह व्यवस्था बिजली चोरी रोकने के अभियान को गति देगी और संचालन में आ रही बाधाएं घटेंगी।





